नई दिल्ली। राज्यसभा में मनोनीत होने के बावजूद वहां कभी-कभार ही गए भारत रत्न सचिन तेंदुलकर सरकार के जरिए आईआईटी दिल्ली के कैम्पस में अकादमी खोलने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए सरकार के कुछ लोगों ने आईआईटी के निदेशक आरके शिवगांवकर पर दबाव भी बनाया। किन्तु आईआईटी कैम्पस को कमाई का अड्डा बनने देने के विरोध में शिवगांवकर ने अपने पद से इस्तीफा देकर खलबली मचा दी। सूत्रों के मुताबिक सरकार शिवगांवकर पर दबाव डाल रही थी कि वह सचिन के क्रिकेट अकादमी के लिए आईआइटी कैंपस की जमीन दें और किसी जमाने में आइआइटी दिल्ली में प्रोफेसर रहे भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के बकाया वेतन लगभग 70 लाख रुपये का भुगतान करवाएं। >>>सूत्रों के मुताबिक शिवगांवकर नहीं चाहते कि आइआइटी कैंपस की जमीन पर कोई खेल अकादमी बने। उनका मानना है कि कैंपस का इस्तेमाल यहां पढ़ रहे छात्रों और फैकल्टी के लिए ही होना चाहिए। सुब्रमण्यम स्वामी को 1972 में आइआइटी से हटा दिया गया लेकिन 1991 में अदालत के फैसले के बाद उनकी नौकरी बहाल हुई। शिवगांवकर के कार्यकाल के अभी दो साल बचे हैं लेकिन कहा जा रहा है कि वो दबाव में झुकने को तैयार नहीं थे। बताया गया है कि शिवगांवकर ने इस्तीफा दे दिया है और उसे स्वीकार कर मंत्रालय को भेज दिया गया है।