वाराणसी। महापराक्रमी, त्रिलोकविजयी, प्रकाण्ड विद्वान लंकाधिपति रावण ब्राह्मण नहीं बल्कि दलित समुदाय से थे। हमेशा दूर की कौड़ी लाने वाले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने यह रहस्योद्घाटन बीएचयू कैंपस में एक सेमीनार के दौरान किया। कभी आईआईटी के फैकल्टी रहे सुब्रमण्यम स्वामी के इस बयान ने नया विवाद पैदा कर दिया है। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में यूथ इन ऐक्शन नाम के संगठन की ओर से – मैं और मेरा भारत, विषय पर बोलते हुए स्वामी ने कहा, रावण का डीएनए दलित का था। रावण लंका का नहीं यूपी का रहने वाला था और गाजियाबाद के पास स्थित बसरख में पैदा हुआ था। रावण की रानी मंदोदरी भी यूपी के मेरठ की रहने वाली थी। >>>उन्होंने कहा, कैलाश पर्वत पर तपस्या करने के बाद रावण को भगवान शिव से वरदान मिला जिसके बाद उसने कुबेर द्वारा बसाई गई खूबसूरत लंका पर आक्रमण करके कब्जा किया था। इसका वैज्ञानिक प्रमाण है। इसके साथ ही उन्होंने स्कूलों में पढ़ाए जा रहे इतिहास की किताबों को कचरा बताते हुए कहा कि बच्चों को गलत इतिहास पढ़ाया जा रहा है। इतना ही नहीं स्वामी ने दावा किया कि मोदी सरकार देश के स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले इतिहास को दुरुस्त करने का काम जल्द करेगी। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के काल में लिखी गई इतिहास की किताबों में आर्यन-द्रविड़ को अलग-अलग वर्ग में बांट दिया गया है। इसी तरह देश के महापुरुषों की बजाए अकबर, शेरशाह, बाबर जैसे आक्रांताओं के बारे में पढ़ाया जा रहा है जो हिंदुस्तान को लूटने का काम किया।