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इनके लिए फरिश्ता बन गया यंगिस्तान

Jan 30, 2015

youngistan, balika chhatrawas, manish pandeyभिलाई। सच ही कहा है किसी ने कि एक छोटा सा संयोग, एक छोटी सी मुलाकात किसी की भी जिन्दगी बदल देने की क्षमता रखता है, बस दिल में कुछ नया करने का जज्बा होना चाहिए। यंगिस्तान के संयोजक मनीष पाण्डेय जब किसी बहाने इन बच्चों के बीच पहुंचे तो उनके दिल में हूक सी उठी और फिर दे गए इन बच्चों को एक ऐसा तोहफा जो इन्हें जीवन पर्यंत याद रहेगा। क्या पता, यह अवसर उनकी आंखों में कोई ऐसा सपना  जगा जाए कि कल को हम उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी देख सकें… >>
youngistan, balika chhatrawas, manish pandeyसर्वशिक्षा अभियान उन बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी भी लेता है, जिनके माता पिता या तो हैं ही नहीं या फिर उनकी कैफियत ऐसी नहीं कि वे अपने बच्चों की देखभाल कर सकें या उन्हें स्कूल भेज सकें। छह से चौदह वर्ष के ऐसे बच्चों को आवासीय सुविधा के साथ शिक्षा उपलब्ध कराया जाता है। एक ऐसा ही बालिका छात्रावास संजीवनी के नाम से इन दिनों अस्थायी रूप से शासकीय आर्य कन्या विद्यालय दुर्ग में संचालित है। तमीम अहमद यहां लेखाकार का काम संभालते हैं। वे यंगिस्तान के संयोजक मनीष पाण्डेय के भी परिचित हैं। उनके माध्यम से ही मनीष को पता चला कि इस स्कूल में आम गरीब परिवारों के बच्चों के साथ ही नक्सल पीडि़त इलाकों में तैनात जवानों के बच्चे भी पढ़ते हैं। बस फिर क्या था, प्रत्येक पर्व को ऐसे बच्चों के साथ मनाने का संकल्प कर बैठे मनीष संक्रांति पर यहां पहुंच गए। संजीवनी बालिका छात्रावास की अधीक्षिका दीप्ति खोब्रागड़े बताती हैं कि मनीष ने सुबह इन बच्चों के लिए संक्रांति के पकवानों की व्यवस्था कर दी और फिर शाम को तिल के लड्डू लेकर स्वयं यहां पहुंच गए।
इन बच्चों से मिलकर मनीष अभिभूत हो गए। उन्होंने इन बच्चों के लिए कुछ करने का विचार किया। 2 फरवरी 2015 को विख्यात पाश्र्वगायक सुखविन्दर यंगिस्तान के मंच पर आ रहे हैं। सेक्टर-7 हाईस्कूल मैदान में इसके लिए विशाल मंच का निर्माण किया गया है। मनीष ने इन बच्चों को यह मंच देने का संकल्प ले लिया। इन बच्चों को दो अलग-अलग थीम्स पर डांस करना था। इसके लिए नेहरू नगर की डांस वैली को नियोजित कर दिया गया। डांस वैली की संचालिका निशा बोरकर यह मौका पाकर खिल उठीं। अपने सहायकों के साथ उन्होंने इस चैलेंज को स्वीकार किया और मात्र 8 दिन में इन बच्चों के साथ एक ऐसे थीम पर नृत्य नाटिका तैयार कर दिया जो एक मजबूत संदेश दे जाएगा।
स्वयं इन बच्चों के लिए सब किसी स्वप्न से कम नहीं है। किसी तरह अपनी शिक्षा पूरी कर रहे इन बच्चों ने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें कभी किसी डांस अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त करने का मौका मिलेगा। ऐसा सोचना तो और भी कठिन था कि सुखविन्दर जैसे किसी सेलेब्रिटी प्लेबैक सिंगर के साथ वे मंच शेयर करेंगे। जिस मंच पर खड़ा होना किसी भी कलाकार के लिए फख्र की बात होती, वह अवसर उन्हें अनायास ही मिल गया। पर इस संयोग पर सिर्फ खुश होने के बजाय उन्होंने जी-जान से मेहनत करनी शुरू कर दी। स्कूल से लौटते ही वे प्रैक्टिस हॉल में पहुंच जातीं। बालक छात्रावास के बच्चे भी वहां पहुंच जाते और फिर शुरू हो जाती जी-तोड़ मेहनत। इन बच्चों ने कहा कि मनीष भैया ने उनपर भरोसा किया, वे उनके चेहरे पर खुशी देखना चाहते हैं। वे मंच पर किसी और के लिए नहीं बल्कि सिर्फ मनीष भैया के लिए डांस कर रहे होंगे। मंच छोटा है या बड़ा, इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।

संजीवनी छात्रावास अधीक्षिका दीप्ति खोब्रागड़े ने बताया कि नृत्य के लिए बच्चों को दो समूहों में बांटा गया है। इसमें बालक छात्रावास के लड़के भी शामिल हैं। पहले ग्रुप में दिव्यानी, ईशा, प्रियंका, कांची, कविता, कौशल्या, प्रिया कौशल, संजना, महेश्वरी नुरेटी, अंजु सोरी, श्रुति पेंदाम, दीपिका उसेंडी, खुशी नेताम, हीना महला, दीप्ति साहू, कविता साहू, निधि साहू तथा बालक छात्रावास से गिरधारी राम साहू, अमन खरे, हरीश मारकण्डे, उमेश पोटाई, मयंक निषाद, एवेन्द्र निषाद, देवसिंह निर्मलकर, रुस्तम पटेल, रितिक तिवारी, चंद्रकांत बेनवा को लिया गया है। इसी तरह दूसरे ग्रुप में वर्षा वर्मा, दिव्या साहू, गायत्री साहू, पूर्णिमा जोशी, नीलम केसरिया, मुक्ति साहू, निशा साहू, यामिनी तारम, रानी तिवारी, हेमलता महला, चंद्रमुखी केसरिया, संगीता कोर्राम, भानुप्रिया महिपाल, आकांक्षा दुबे एवं बालक छात्रावास से खिलेश, सच्चिदानंद साहू, मुकेश मिर्ची, देवदास, दामोदर दिहारी, कृष्ण नेताम, प्रहलाद दुग्गा, प्रहलाद दुग्गा, प्रहलाद महिलांग, रोहित बघेल, रामकृष्ण साहू तथा कंचन निषाद को लिया गया है।

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