दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के द्वारा कार्यशाला का आयोजन 28 अप्रैल को किया जा रहा है। शिक्षण एवं मूल्यांकन की गुणवत्ता वृद्धि पर दुर्ग जिले के शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों तथा वरिष्ठ प्राध्यापक इस कार्यशाला में विचार मंथन करेंगे। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सुशील चंद्र तिवारी ने बताया कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता वृद्धि के लिए शिक्षाविद विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा करेंगे जिसमें वर्तमान शिक्षण व्याख्यान उपायों पर विचार विमर्श होगा। विद्यार्थियों के बीच शार्टकट नोट्स के बढ़ते चलन को रोकने उनकी विचार शक्ति और कल्पनाशीलता को जागृत और प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षण विधि में सुधार के उपायों पर चर्चा होगी। read more
परीक्षाओं के मूल्यांकन पर अधिकतर सवाल उठाये जाते रहे हैं। इस कार्यशाला में मूल्यांकन की मौजूदा पद्धतियों पर विचार तथा वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धतियों पर सुझाव मांगे जाएंगे। वर्तमान समय में कम्प्यूटर और सूचना तकनीक का प्रयोग प्रभावी शिक्षण हेतु किस तरह किया जा सकता है एवं अखबार, इंटरनेट, वेबसाइट, ब्लाग, सोशल नेटवर्किंग साइट्स, डीवीडी रेडियो, टेलीविजन तक विद्यार्थियों की सकारात्मक पहुंच बढ़ाने के लिए किस तरह प्रेरित किया जावे, इस पर भी चर्चा होगी। इस कार्यशाला में विद्यार्थियों को ग्रंथालय के अधिकाधिक उपयोग के लिए प्रोत्साहित करने तथा सामान्य ज्ञान, सामान्य शिष्टाचार, सामाजिक मूल्यों के प्रति जागरूकता के लिए कार्ययोजना बनाई जावेगी।
यह कार्यशाला प्रात: 11.00 बजे से शाम 5 तक आयोजित की गई है जिसमें विचार विमर्श समूह चर्चा के माध्यम से शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए कार्ययोजना का प्रारूप तैयार किया जावेगा। महाविद्यालय की गुणवत्ता प्रकोष्ठ की संयोजक डॉ नीरजा रानी पाठक तथा डॉ प्रशांत श्रीवास्तव, डॉ जयप्रकाश साव, डॉ अनुपमा अस्थाना सहित समिति के सदस्य कार्यशाला की तैयारियों में जुटे हैं।