भिलाई। एसटीएफ के एसपी धर्मेन्द्र गर्ग ने आज कहा कि दो फीसदी को कम करके नहीं आंकना चाहिए। दो फीसदी अतिरिक्त ज्ञान भी एक अनमोल जीवन को बचा सकता है। उन्होंने जवानों से आग्रह किया कि इस ज्ञान को वे अपने साथियों में बांटें तथा धैर्य के साथ चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करें। श्री गर्ग यहां अपोलो बीएसआर सभागार में एसटीएफ जवानों के लिए आयोजित दो दिवसीय मेडिकल ट्रेनिंग प्रोग्राम के समापन समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोहा पानी में रहने से जंग खा जाता है। किन्तु यदि इसमें दो फीसदी निकल और क्रोमियम मिला दें तो यह इस्पात बन जाता है। इस्पात न केवल लोहे से मजबूत होता है बल्कि उसे जंग भी नहीं लगता। Read Moreअपोलो बीएसआर के विशेषज्ञों ने दो दिनों तक जो प्रशिक्षण दिया है, यदि उसे हम केवल दो फीसदी भी मान लें तब भी यह जवानों की जीवन की रक्षा में बड़े काम का साबित हो सकता है। उन्होंने अपोलो बीएसआर के चेयरमैन डॉ एमके खण्डूजा एवं मेडिकल डायरेक्टर डॉ एपी सावंत को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
इससे पूर्व सभा को संबोधित करते हुए अपोलो बीएसआर अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ एपी सावंत ने कहा कि एसटीएफ के जवानों के जीवन में हर दिन कई प्रकार के खतरे आते हैं। सांप-बिच्छू के डंसने, किसी हादसे का शिकार होकर घायल हो जाने या मुठभेड़ के दौरान गोली लग जाने की स्थिति में यदि थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो कीमती मानव जीवन को बचाया जा सकता है। घायल को किस तरह उठाना है, किस तरह आराम की स्थिति में लाना है, रक्तस्राव को किस तरह रोकना है तथा सिर में चोट लगी होने पर क्या करना है, इसकी जानकारी यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों ने अलग अलग सत्र में दी है। उन्होंने कहा कि हालांकि इस प्रकार के प्रशिक्षण के लिए केवल दो दिन काफी नहीं होते किन्तु जो कुछ भी जवानों ने सीखा है उससे किसी की जान बचाई जा सकती है। यदि इस प्रशिक्षण की बदौलत जवान किसी एक भी व्यक्ति की जान बचाने में सफल होते हैं तो यह प्रशिक्षण सार्थक हो जाएगा।
दो दिवसीय इस कार्यक्रम में संयोजक की भूमिका निभा रहे मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ पीएस गोस्वामी ने अपोलो बीएसआर को यह अवसर प्रदान करने के लिए एसटीफ के डीआईजी एवं एसपी का धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने कवि प्रदीप के गीत … जरा याद करो कुर्बानी… का वाचन भी किया।
एसटीएफ के जवान श्री साहू ने बताया कि दो दिवसीय इस प्रशिक्षण के दौरान डमियों का उपयोग करते हुए उन्हें प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया गया जिसकी वजह से वे काफी कुछ सीख पाए। उन्होंने कहा कि इसका लाभ फील्ड में मिलेगा और वे घायलों की मदद कर पाएंगे।
इस अवसर पर अपोलो बीएसआर के जनरल मैनेजर मार्केटिंग निखिलेश दावड़ा, मैनेजर पीआर देवेश पुरोहित सहित दर्जनों एसटीएफ जवान उपस्थित थे। जवानों ने दो दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को बेहद उपयोगी बताया।
इस कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने से लेकर इसे परवान चढ़ाने तक की प्रक्रिया में एडीजी आरके विज, डीआईजी रजनीश शर्मा एवं अपोलो बीएसआर प्रबंधन की मुख्य भूमिका रही।