दुर्ग। प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि जैविक खेती को बढ़ावा देकर भविष्य के लिए कृषि भूमि को सुरक्षित और संरक्षित किया जा सकता है। जैविक खेती से भूमि की उर्वरकता शक्ति को बढ़ा कर कृषि उत्पादन और कृषि आय में बढ़ोत्तरी किया जा सकेगा। आने वाली पीढ़ी और भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए पुरानी चीजों को नई तकनीक के साथ अपनाने पर जोर दिया है। श्री अग्रवाल यहां कामधेनु विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक दिवसीय किसान मेला एवं संगोष्ठी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। श्री अग्रवाल ने कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, मत्स्य पालन विभाग एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल का अवलोकन भी किया। Read moreउन्होंने विभागों द्वारा किसानों को दिए जाने वाले विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी ली। उन्होंने कामधेनु विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित स्मारिका, फोल्डर व पुस्तिका का विमोचन भी किया।
कृषि मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि किसानों को शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने तथा योजनाओं से लाभान्वित कराने के उद्देश्य से किसान मेला का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा अपने खेतों में नए प्रयोग, नई किस्म व उत्पादन करने का कार्य करता है। ऐसे कृषकों को प्रोत्साहित करने तथा उसके द्वारा किए जा रहे प्रयोग का विस्तार कर अन्य कृषकों को अनुसरण करने कहा। उन्होंने कृषि के साथ घटते पशुपालन पर चिन्ता व्यक्त करते हुए पशुपालन को बढ़ावा देकर कृषि आमदानी बढ़ाने पर जोर दिया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू ने कहा कि किसान मेला का आयोजन होने से किसानों को कृषि संबंधी समस्या को हल करने में मदद मिलती है। छत्तीसगढ़ और देश कृषि प्रधान है, इससे पूरे देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर करता है। कृषि उत्पादन और आमदानी बढ़ाने के लिए जैविक खेती को बढ़ावा देने तथा पशुपालन करने की सलाह दी।
कार्यक्रम में संसदीय सचिव कृषि एवं पशुपालन पोखन साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती माया बेलचंदन, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. यू.के. मिश्र, कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, उद्यानिकी विभाग के अधिकारी एवं बड़ी संख्या में कृषक गण उपस्थित थे।