भिलाई। युवा योगाचार्य डॉ. अमिताभ माथुर ने कहा कि सहज योग के प्रयोग से चित्त की एकाग्रता, स्मरण शक्ति की प्रबलता और सर्जनाशक्ति प्राप्त कर शिक्षक और छात्रों को लाभ होता है। इससे तनाव रहित जीवन तथा तनाव से होने वाले रोगों से मुक्ति मिल सकती है। बिना किसी परेशानी या कठिन व्यायाम के पूरी सहजता से सहजयोग किया जा सकता है। दिल्ली से पधारे डॉ माथुर ने कहा कि योग की इस स्वाभाविक शैली को अपनाने से व्यक्ति अपनी समस्याओं का सटीक समाधान स्वयं ढूंढने में समर्थ हो जाता है। Read Moreअंधेरे से मुक्त होकर वह स्वयं का मार्गदर्शक और गुरू हो जाता है। उन्होंने बताया कि माताजी निर्मला देवी ने पैंतालीस वर्ष पूर्व इसका शोध किया। योग की यह सरल, प्रमाणिक और वैज्ञानिक विधि दुनिया में मशहूर हो गई।
डॉ. माथुर वैशालीनगर कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा आयोजित सहज योग से लाभ विषय पर केन्द्रित संगोष्ठी में विशेषज्ञ वक्तव्य दे रहे थे। डॉ. माथुर ने विद्यार्थियों से चर्चा करते हुये ही अनेक सरल यौगिक क्रियायें करायीं। बच्चे बातों-बातों में ही ध्यान, धारणा, समाधि, यम, नियम आसन, प्राणायाम आदि को जानकर काफी खुश नजर आयें। डॉ. माथुर के इड़ा, पिंगला, सुषुम्ना, कुण्डलिनी और सहस्रार चक्र जैसे कठिन विषयों के समझाने पर पोस्टर प्रदर्शन के माध्यम से उन के साथियों का टीमवर्क देखने योग्य था।
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. महेशचन्द्र शर्मा ने प्रस्तावना रखी और कहा कि योग से योग्यता आती है। कर्मों में कुशलता आती है। दुख दूर होते हैं। मनोवृत्ति को दुष्कर्मोें से रोका जा सकता है। प्राचार्य डॉ. शर्मा, रा.से.यो. अधिकारी डॉ. श्रीमती मेरिली राय, अन्य शिक्षकों, एन.एस.एस. स्वयंसेवक मिर्जा मुश्ताक बेग आदि ने पुष्प गुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह से डॉ. माथुर का स्वागत सम्मान किया। संचालन डॉ. सुबोध सिंह एवं आभार ज्ञापन विद्याथिर्यों की ओर से कु. पूजा शर्मा ने किया। अनेक शिक्षकों तथा बड़ी संख्या में उपस्थित विद्याथिर्यों ने योग शिक्षा का लाभ उठाया।