बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित कानन पेंडारी में दुर्लभ प्रजाति के शूकर हिरण ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। इसके जन्म के साथ ही कानन में अब इनकी संख्या आठ हो गई है। फिलहाल सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस नन्हे मेहमान का लिंग परीक्षण नहीं किया गया। इससे पहले सफेद हिरण ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया था। Read More
बिलासपुर जिले के कानन पेंडारी जू में अभी 12 प्रजाति के हिरण हैं। इनमें चौसिंगा, कोटरी, सफेद हिरण, शूकर, गोराल, मणिपुरी मृग, नील गाय, सांभर, चीतल, काला हिरण, चिंकारा और बारहसिंगा शामिल हैं। इनमें कई प्रजातियां दुर्लभ हैं। वहीं 13 प्रजाति के रूप में हैदराबाद स्थित जू से माउस डियर लाने की तैयारियां जारी हैं। कानन पेंडारी में जन्मे शूकर हिरण को मिलाकर अब इनकी संख्या आठ हो गई है। बताया जाता है कि शूकर हिरण पिछले वर्ष मार्च 2014 में दिल्ली जू से लाए गए थे। इनमें दो नर एवं तीन मादा शामिल हैं। इनमें दो मादा शूकर हिरण ने अगस्त एवं अक्टूबर 2014 में दो बच्चों को जन्म दिया था। अब नए शूकर हिरण को मिलाकर इनकी संख्या आठ हो गई है।
बताया जाता है कि ये शूकर हिरण दुर्लभ प्रजाति हैं। ये छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के जंगलों में नहीं पाए जाते हैं। ये प्राय: दक्षिण-पूर्व एशिया या उत्तर भारत के वनों में पाए जाते हैं। शूकर हिरणों के कानन में जन्म लेने से ऐसा माना जा रहा है कि यहां का वातावरण इनके लिए अनुकूल है। कानन पेंडारी के रेंज अधिकारी टी.आर. जायसवाल का कहना है कि सुरक्षा की दृष्टि से फिलहाल शूकर हिरण का लिंग परीक्षण नहीं किया गया है। उनकी देखरेख के लिए जू कीपर को निर्देश दिए गए हैं।