दुर्ग। छग नेटवर्क ऑफ पीपुल लिविंग व्हीथ एचआईवी एण्ड एड्स संस्था ने एचआईवी पीडि़तों के सामाजिक उत्थान का बीड़ा उठाया है। संस्था ने खुलासा किया है कि देश में गर्भवती महिलाओं में एचआईवी संक्रमण के सबसे अधिक मामले दुर्ग जिले से सामने आए हैं। जिले में इनकी संख्या 4500 है। इनमें से 90 फीसदी महिलाओं को यह संक्रमण अपने पुरुष साथियों से मिली है। संस्था ने बताया कि समूचे देश में दुर्ग की हिस्सेदारी को 0.35 प्रतिशत के रूप में दर्ज किया गया है। जो देश के किसी भी अन्य क्षेत्रों के मुकाबले में सर्वाधिक है, वहीं एचआईवी संक्रमण में पुरूषों की हिस्सेदारी अत्यधिक है। Read Moreमहिलाएं इस मामले में केवल ग्राह्य का माध्यम बनी हुई है। संस्था की अध्यक्ष रिंकी अरोरा और पैरवी अधिकारी अमृता सोनी ने संयुक्त रूप से बताया कि प्रति महीने दुर्ग में 6 -7 गर्भवती महिलाओं को एचआईवी संक्रमण का पता चलता है।
छग में करीब 20 हजार लोग एचआईवी संक्रमण से पीडि़त है। यह संख्या दुर्ग मेें 45 सौ के करीब है। दुर्ग जिले में ऐसे 50 परिवार है। जिनके सभी सदस्य एचआईवी संक्रमित हैं। एचआईवी संक्रमण पीडि़तों को संस्था पदाधिकारियों ने अपने संदेश में कहा है कि एचआईवी बीमारी नहीं है। यह एक वायरस है। इसे छिपाएंगे तो यह और बढ़ेगा। इसलिए इस वायरस से पूरी मजबूती के साथ लडऩे के लिए नियमित रूप से दवाईयां ले और समाज मुख्यधारा से जुड़कर आम लोगों की तरह अपना जीवनयापन करें। संस्था पदाधिकारियों से चर्चा के दौरान विहान केयर एंड सपोर्ट सेंटर की प्रोजेक्ट कॉडिनेटर राजेश्वरी साहू व अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद थे।