रायपुर। छत्तीसगढ़ में कुल जनसंख्या का लगभग 10 प्रतिशत सिकल सेल एनीमिया से ग्रसित (वाहक एवं रोगी) है। अत: सिकल सेल रोग के निवारण हेतु चिकित्सकीय, सहचिकित्सकीय, अमले के विशिष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रमों के साथ सिकल सेल रोगी एवं रोगी के माता पिता और आम जनमानस को भी प्रशिक्षित किया जाना अतिआवश्यक है। सिकल सेल रोगियों के स्वास्थ्य स्तर एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार जाने में परामर्श एवं प्रशिक्षण का महत्वपूर्ण योगदान है। Read More
डॉ. पीके पात्र (डायरेक्टर जनरल सिकल सेल इंस्टीट्यूट छत्तीसगढ़ रायपुर) ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि सिकल सेल संस्थान छत्तीसगढ़, रायपुर में सिकल सेल रोगियों के समस्त परीक्षण (सॉल्युबिलिटी जांच, इलेक्ट्रोफोरिसिस एवं अन्य) तथा उपचार और दवाईयां नि:शुल्क प्रदान की जाती है। सिकल सेल संस्थान की नि:शुल्क ओ.पी.डी. सेवा वर्तमान में पं.ज.ने. स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय परिसर के बायोकेमेस्ट्री विभाग के भूतल में संचालित की जा रही है।
उन्होंने बताया कि सिकल सेल दो प्रकार के होते है। सिकल सेल रोगी एसएस कहलाते है तथा सिकल सेल वाहक को एएस कहा जाता है। सिकल सेल रोगियों को उपचार व दवा की आवश्यकता होती है, जबकि सिकल सेल वाहक को केवल विवाह पूर्व परामर्श की आवश्यकता होती है। सिकल सेल संस्थान छत्तीसगढ़, रायपुर के द्वारा सिकल सेल रोग के प्रति व्यापक जन-जागरुकता जाये जाते हेतु समाज के विभिन्न वर्गो के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, इसी तारतम्य में सिकल सेल रोग के संबंध में जानकारी प्रदान कर तथा उसे आम जनमानस में पत्रिकाओं एवं समाचार के माध्यम से प्रसारित करने हेतु मीडिया का सहयोग अपेक्षित है
संस्थान का मुख्य उद्देश्ययययय रोग के विभिन्न पहलुओं पर उच्च दर्जे का शोध कार्य करना, राज्य के समस्त स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को सिकल सेल प्रशिक्षण् और इलाज के बारे में प्रशिक्षण प्रदान करना, जनमानस में इस वंशानुगत रोग के प्रति जागरुकता लाना तथा सभी सिकल सेल रोगियों को नि:शुल्क जांच, इलाज और परामर्श सुविधा प्रदान करना है।