भिलाई-3। डॉ. खूबचंद बघेल शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भिलाई-3 के प्रांगण में बोनसाई एवं बागवानी कार्यशाला का उद्घाटन प्राचार्य डॉ राधा पाण्डेय ने किया। उन्होंने कहा कि बोनसाई शब्द जापानी इकेबाना से जुड़ा है जिसमें पौधों को जड़ों से छंटाई कर बढ़ने से रोका जाता है। वृहद आकार वाले वृक्ष जैसे बरगद, पीपल, फलदार वृक्ष संतरा, नींबू आदि तथा अन्य वृक्षों को बोनसाई के रूप में विकसित कर जहॉ घरों, आॅफिस में सजाया जा सकता है वहीं इससे अर्थोपार्जन भी किया जा सकता है। Read Moreइस कार्यशाला का आयोजन महाविद्यालय के वनस्पति शास्त्र की विभागाध्यक्ष श्रीमती मंजुला गुप्ता एवं गृह विज्ञान विभाग की अल्पना देशपांडे द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में प्रशिक्षण हेतु छत्तीसगढ़ बोनसाई सोसाइटी के विशेषज्ञ अनिल वर्मा एवं श्रीमती रूचि वर्मा ने विस्तृत जानकारी दी। कार्यशाला 7 दिनों तक चलेगी। इस कार्यशाला में 10 से 12 प्रकार के बोनसाई विधियां जिसमें (रोक स्टाइल, ब्रूम स्टाइल, वीपिंग स्टाइल, फोरेस्ट स्टाइल, आदि का प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। इसके अलावा किचन गार्डन, मौसमी फूलों एवं पत्तियों की जानकारी, मिट्टी तैयार करना, गमलों का चुनाव, कटाई छटाई एवं रसायनों के छिड़काव से संबंधित विशेष जानकारी दी जायेगी।
बोनसाई विशेषज्ञ अनिल वर्मा को छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग द्वारा बोनसाई गुरू का सम्मान दिया गया है। उन्हें 2008 में मुख्यमंत्री द्वारा उद्यानिकी का सर्वोच्च सम्मान -संघमित्र अवार्ड एवं अन्य कई प्रकार के अवार्डों से अलंकृत किया जा चुका है। उन्होंने अनेक स्कूलों तथा महाविद्यालयों में बोनसाई का प्रशिक्षण दिया है। डॉ. खूबचंद बघेल शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आयोजित कार्यशाला में 80 से ज्यादा छात्र-छात्राएं भाग ले रही हैं।