भिलाई। कामर्स एजूकेशन के क्षेत्र में तेजी से उभरती शिक्षण संस्था क्वेस्ट एकेडमी द्वारा कला मंदिर सिविक सेंटर में सीक्रेट्स ऑफ कामर्स नाम से एक सेमीनार का आयोजन किया गया। इस सेमीनार में पैनल डिस्कशन के साथ ही हर क्षेत्र से आए विशेषज्ञों के लेक्चर से स्टूडेन्ट लाभांवित हुए। सेमीनार के मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा एवं तकनीकी मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि यहां लोग कोचिंग के नाम से बिजनेस करने में लगे हुए हैं। लेकिन क्वेस्ट एकेडमी आज गाइडेन्स का भी काम कर रही है। Read More
उन्होंने कहा कि आज भिलाई में बेस्ट क्वालिटी एजुकेशन की जरूरत है। कोचिंग संस्थाएं बेहतर कैरियर के लिए शुरू हुई थी, लेकिन बदलते दौर में वे व्यवसायिकता की शिकार हो गई हैं।
क्वेस्ट एकेडमी के मैनेजिंग डायरेक्टर सत्यम खण्डेलवाल ने इस कार्यक्रम में उपस्थित सैकड़ों स्टूडेंट्स जो भिलाई, दुर्ग से लेकर रायपुर व राजनांदगांव से आए थे उनको संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों को सिर्फ एक कोर्स के पीछे पुश करने से वे सफल नहीं हो पाते, इसलिये उन्हें हर कोर्स में पुश करने की जरूरत है। उनमें इन्ट्रेस्ट पैदा करने की जरूरत है। डेमो प्रस्तुत करते हुए खण्डेलवाल ने कहा कि कोचिंग संस्थाएं मोटी फीस तो जमा करवा रही है, लेकिन सही मार्ग दर्शन नहीं कर रहीं है। क्वेस्ट एकेडमी में ऐसा नहीं होता है। यहां पहले बच्चे की इन्ट्रेस्ट व उसकी योग्यता का आकलन किया जाता है उसके बाद सही सलाह दी जाती है। सत्यम खण्डेलवाल ने कहा कि मंत्री श्री पाण्डेय ने हर वक्त क्वेस्ट एकेडमी का साथ दिया है इसलिए वे भी चाहेंगे कि यह संस्था मंत्री की उम्मीदों पर खरा उतरे।
इस सेमिनार में दिल्ली, मुम्बई, नोएडा एवं बंगलुरू से विषय विशेषज्ञ आए थे, जिन्होंने पैनल डिस्कशन में स्टूडेन्ट्स को सटीक परामर्श दिया। सेमीनार में एमजीएम, केपीएस, डीपीएस, शकुंतला विद्यालय एवं भिलाई की अन्य स्कूलों के साथ-साथ राजनांदगांव से युगान्तर, संस्कार सिटी एवं गायत्री विद्यापीठ के छात्र तथा टीचर्स भी उपस्थित थें। सभी स्कूलों के बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इसमें चार्टड एकाउटेंट, कंपनी सेक्रेट्री, कास्ट अकाउंटेंट, बीबीए, होटल मैनेजमेंट, मास मीडिया, फैशन डिजाइनिंग, जर्नलिज्म, लॉ इत्यादि के एक्सपर्टस शामिल हुए। मंत्री श्री पाण्डेय ने घोषणा की कि वे क्वेस्ट एकेडमी के हर अच्छे कोर्स में साथ है, तथा अपनी शुभकामनाएं देते है। उन्होंने पैनल डिस्कशन की भी सराहना की। ये पैनल डिस्कशन 2.5 घंटे चला। समय की कमी के चलते कुछ बच्चों के सवाल नोट किये गये, जिनके जवाब उनको ई-मेल के द्वारा दिया जाएगा।