भिलाई। ‘सूखा, बाढ़, भूकम्प और बेमौसम बरसात से सारी दुनिया परेशान है। चैन्नई के जल प्रलय से हम धीरे-धीरे उबर रहे हंै। उत्तराखंड की बाढ़ और भू-स्खलन के घाव अभी हरे हैं। पेरिस में इन चिन्ताओं पर चिन्तन करते समय भारत समेत सभी देश परेशान रहे। ये सन्तोष ओर प्रसन्नता की बात है कि पूरे विश्व के साथ कॉलेज के शिक्षक और विद्यार्थी भी अपने स्तर पर इस विषय में कुछ कार्य कर रहे हैं। लगाई गयी विज्ञान प्रदर्शनी इसी का एक उदाहरण है। ये विचार हैं प्राचार्य डॉ. महेशचन्द्र शर्मा के। Read More
शासकीय महाविद्यालय वैशालीनगर में कॉलेज की विज्ञान परिषद् के तत्त्वाधान में लगाई विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए उन्होंने ये बातें कहीं। प्राचार्य डॉ. शर्मा ने विद्यार्थियों के मॉडल्स, पोस्टर्स और चाटर््स की सराहना की और उनको प्रोत्साहित भी किया। विज्ञान परिषद् की संयोजिका श्रीमती डॉ. आरती दीवान ने बताया कि उन्होंने एवं उनके सहयोगी विज्ञान प्राध्यापकों के प्रयास और मार्गदर्शन में बच्चों ने जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण मुक्ति को केन्द्र में रखकर चार्ट, पोस्टर, एवं मॉडल्स बनाकर जन जागृति लाने की कोशिश की है। जलवायु परिवर्तन के गम्भीर परिणामों से भी आगाह किया गया। चार्ट प्रतियोगिता में कु. भारती शर्मा का ‘ग्रीन हाउस का प्रभावÓ प्रथम, कु. संगीता मोहिले का ‘इन्वायरन्मेन्ट फ्रेण्डली री-साइकलिंगÓ द्वितीय तथा योगेश कुमार का ‘पर्यावरण संरक्षणÓ तृतीय रहे। इसी तरह पोस्टर प्रतियोगिता में कु. जागेश्वरी वर्मा का ‘अच्छे भविष्य के लिए प्रकृति और जल को बचाओÓ प्रथम, शहनाज बानो का ‘सारी धरती करे पुकार, पर्यावरण में करो सुधारÓ, द्वितीय तथा कु. तसनीम फातिमा का ‘प्रदूषण का पर्यावरण पर दुष्प्रभाव तृतीय रहे।
मॉडल बनाओ प्रतियोगिता में कु. सपना, कु. अंजुम एवं कु. आसमीन का ‘मशरूम कम कीमत पर निर्माण प्रथम कु. सुमीता, कु. रूकमणी एवं आसिफ सिंह का ‘क्लीन इण्डिया-ग्रीन इण्डियाÓ द्वितीय एवं कु. सुनीता एवं कु. रूखमणी का ‘वायु एवं जल प्रदूषणÓ तृतीय स्थान पर रहा। प्रदर्शनी को लगातार तीन दिनों तक विद्यार्थियों के लिए खुला रखा गया। इसकी सभी ने सराहना की। मौके पर श्रीमती डॉ. स्मृति अग्रवाल, डॉ. कैलाश शर्मा, श्रीमती डॉ. मेरिली राय, श्रीमती डॉ. रबिन्दर छाबड़ा, डॉ. ए. एन. शर्मा, श्रीमती डॉ. श्वेता गायकवाड़, सुश्री नफीस अख्तरी, सुश्री करिश्मा बानो और सुश्री दीपा साहू समेत बड़ी संख्या में प्राध्यापकगण एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे।