भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई के बीएससी द्वितीय, तृतीय एवं एमएससी (गणित) अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा एक दिवसीय औद्यौगिक भ्रमण का कार्यक्रम साईंस सेंटर रायपुर में सम्पन्न हुआ। गणित विभागाध्यक्ष श्रीमती मीना मिश्रा ने कहा इस शैक्षणिक भ्रमण का मुख्य उद्देशय छात्रों को प्रायोगिक जानकारी देना था। भ्रमण से छात्र-छात्रायें बाह्य जगत के सीधे संपर्क में आती हैं और उनकी निरीक्षण दृष्टि विकसित होती है।
विद्यार्थियों ने बताया साइंस सेंटर में प्रवेश करते ही छत्तीसगढ़ की संस्कृति सजीव हो उठती है। यहां छत्तीसगढ़ में धान रोपाई की विधि छ.ग. की संस्कृति, वेशभूषा, नृत्य की मनमोहक झांकी प्रस्तुत की गई है। साथ ही अंतरिक्ष विज्ञान, खगोलिय घटना, तारामंडल व उस का राशियों पर प्रभाव व कौन सा तारा कब निकलता है बताया गया। सर्वेक्षण में मापन विधियां गुरूत्वाकर्षण के प्रभाव, हवा के प्रभाव, चुम्बकत्व के प्रभाव, ध्वनि तरंगों, संगीत के उपकरण से कैसे ध्वनि निकलती है जैसे बांसुरी की, ढोल की आवाज कैसे निकलती है के बारे में वैज्ञानिक जानकारी दी गई।
छ.ग. में पाई जाने वाली मिट्टी व उनमें उगायी जाने वाली उपज के बारे में जानकरी दी गई। बी.एस.सी. द्वितीय वर्ष की छात्र. पद्मजा ने बताया कि साइंस सेंटर में हमें विभिन्न प्रकार के पत्थर चूनापत्थर, डायनामाइट, लोह अयस्क आदि के बारे में जानकारी दी जो महत्वपूर्ण थी।
कुटुमसर की गुफा आदि की झांकी देखने के बाद श्रुति शुक्ला ने कहा झांकी देखने के बाद बहुत अच्छा लगा मुझे अपने प्रदेश के लिए गर्व महसूस हो रहा है।
बीएसपी के ब्लास्ट फर्नेस सोनो ग्राफी में अंदर का भाग कैसे दिखाई देता है, हवा के वेग की तीव्रता से हवा की आवाज में होने वाले परिवर्तन की जानकारी दी गई। गणित के रोचक तथ्य केमेस्ट्री की हिस्ट्री आदि की ज्ञानात्मक जानकारी दी गई।
महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. (श्रीमती) हंसा शुक्ला ने कहा प्राध्यापकों के प्रयास की सराहना करते हुए कहा इसमें छात्र-छात्राओं को स्वयं देखकर व अनुभव से सीखने का मौका मिलता है इससे विद्यार्थियों के प्रायोगिक ज्ञान में वृद्धि होती है।
इस शैक्षणिक भ्रमण में डॉ. (श्रीमती) रजनी मुदलियार, स.प्रा. श्वेता निर्मलकर, स.प्रा. निशा पाठक स.प्रा. टी. बबीता शामिल हुई।