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कपड़े सुखाते पैर फिसला, दोनों कुहनियां टूटीं

May 7, 2016

elbow-surgery-apollo-bsr-hoबेहद सतर्कता से किया गया आपरेशन, कठिन था एक साथ दोनों कुहनियों की सर्जरी
भिलाई। एक साथ दोनों कुहनियों का टूट जाना जितना विरल है उतना ही मुश्किल दो कुहनियों की एक साथ सर्जरी करना। ऐसे पेशेंट को किसी भी करवट लिटाना संभव नहीं होता। लिहाजा सर्जरी को बेहद सतर्कता से प्लान करना होता है। एक ऐसी ही मरीज का अपोलो बीएसआर में सफलता पूर्वक आपरेशन किया गया। 
ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ पंकज द्विवेदी ने बताया कि महिला का पांव कपड़े सुखाते समय फिसल गया था। उसने इतना भी मौका नहीं मिला कि वह हाथों को सीधा कर सके। उसकी दोनों कुहनियां जमीन से आ टकराईं और गंभीर रूप से ज मी हो गईं।
दल्ली राजहरा से आई लगभग 42 वर्ष की इस महिला का एक तरफ जहां वजन ज्यादा था वहीं हड्डियां कमजोर थीं। हमने तत्काल दोनों कुहनियों की सर्जरी करने का फैसला किया। समस्या यह थी कि मरीज को किस तरह लिटाया जाए। हमने जनरल एनेस्थीसिया का सहारा लिया और मरीज को छाती के बल लिटाया। इसके बाद पीछे से कुहनियों की मर मत शुरू की।
डॉ पंकज ने बताया कि हमारे सामने कुहनी का पिछला हिस्सा ही था। इस स्थिति को बदलना संभव नहीं था। इसलिए नीचे की हड्डी तक पहुंचने के लिए हमें ऊपर वाली हड्डी को काटकर हटाना पड़ा। इसमें बेहद सावधानी की जरूरत होती है। एक जरा सी गलती और कुहनी ‘स्टिफÓ हो जाती है। बहरहाल हमने पूरी सावधानी बरती और मांसपेशियों स्नायु को बचाते हुए हड्डी तक पहुंचे और रिपेयरिंग कर दी। इसी तरह दूसरी कुहनी को भी दुरुस्त किया गया।
डॉ द्विवेदी ने बताया कि कुहनियों की सर्जरी में मोटे तौर पर यह मानकर चलते हैं कि मरीज अपने हाथों से भोजन कर ले और नित्य कर्म निपटा ले, यही काफी है। हमें यह देखकर सुखद आश्चर्य हुआ कि मरीज पर सर्जरी पूरी तरह सफल रही। मरीज ने भी खूब कोआपरेट किया और आपरेशन के तीन महीने बाद आज वह अपने दोनों हाथों से पहले ही की तरह काम कर पा रही है।

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