दुर्ग। जवाहर उत्कर्ष योजना के अंतर्गत जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम सकराली के निवासी तथा दुर्ग जिले के लिए इस योजना हेतु चयनित होकर यहां पढ़ाई करने वाले होनहार छात्र इंद्रजीत रत्नाकर ने आईआईटी में चयनित होकर दुर्ग और जांजगीर-चांपा के साथ-साथ पूरे छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है। उल्लेखनीय है कि श्री रत्नाकर ने इस वर्ष छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल की कक्षा 12वीं की परीक्षा में 96.8 प्रतिशत अंक लाकर प्रावीण्य सूची में तीसरा स्थान भी बनाया था। इस तरह उसने एक साथ डबल सफलता हासिल की है।
यह भी उल्लेखनीय है कि इस वर्ष इस योजना के अंतर्गत दुर्ग जिले के 4 अन्य विद्यार्थियों ने जेईई मेन्स एवं एडवांस में सफलता हासिल की है तथा उनका चयन एनआईटी जैसी संस्थाओं में होना लगभग तय है। ये विद्यार्थी है सर्वश्री चन्द्रभान नान्देश्वर, भागवत सलामे, नोम सिंह, माधव कुमार सिंह। इसी तरह दो विद्यार्थियों सर्वश्री महेन्द्र कुमार मरकाम और अनामिका उमरिया का बीएएमएस में चयन हुआ हैं।
सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग दुर्ग ने बताया कि सतनामी समाज के इन्द्रजीत रत्नाकर के पिता छतराम रत्नाकर सीमांत कृषक हैं तथा उसकी मां पदमा रत्नाकर गृहणी हैं। योजना के अंतर्गत कक्षा 6वीं से इस योजना के अंतर्गत दुर्ग में रहकर इस बालक ने अपनी पढ़ाई-लिखाई की। उसकी प्रतिभा से प्रभावित होकर कलेक्टर दुर्ग श्रीमती आर. शंगीता ने उसे परीक्षा की अच्छी तैयारी कराने की दृष्टि से उसे रायपुर में दाखिला दिलवा कर जेईई एडवांस की परीक्षा की विशेष कोचिंग की व्यवस्था करवायी थी।