दुर्ग। शासकीय वा.वा.पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दुर्ग में तीन दिवसीय ‘माटी शिल्प’ कार्यशाला का समापन हो गया। छात्राओं ने भारी उत्साह के बीच 200 प्रतिमाएं बनाई। महाविद्यालय के चित्रकला विभाग के तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला में इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय के कलाकारों द्वारा तीन दिन तक छात्राओं को मूर्ति बनाने, रंग करने का प्रशिक्षण दिया। गणेश पर्व को ध्यान में रखते हुए गणेश प्रतिमा तथा विभिन्न सजावटी वस्तुएँ बनाने का तरीका सिखाया गया। पर्यावरण संरक्षण के लिए इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा बनाई गई। कलर के लिए गेरू, पीली मिट्टी, कत्था का इस्तेमाल किया गया। छात्राओं ने विभिन्न मुद्राओं में प्रतिमाएँ बनाई जो देखते बनती थी। विभागाध्यक्ष योगेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि इन मूर्तियों को विद्यार्थी अपने घर ले जाएगें तथा पर्व के उपरांत घर में ही बाल्टी में विसर्जन कर गमलों में पानी को डालेगें।
मुख्य प्रशिक्षण राजेन्द्र सुनगारिया ने बताया कि विद्यार्थियों का उत्साह देखते हुए निकट भविष्य में अन्य कलाकृतियों का निर्माण भी सिखाया जावेगा। इस कार्यशाला में छात्राओं के साथ शिक्षकों एवं जनभागीदारी सदस्यों का भी सहयोग मिला।
अंतिम दिन बनाई गई कलाकृतियों एवं मूर्तियों की प्रदर्शनी लगाई गई। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने कार्यशाला की सराहना करते हुए विद्यार्थियों को इसी तरह रचनात्मक गतिविधियों में सक्रिय सहभागिता रखने को कहा।
छात्रसंघ अध्यक्ष रूचि शर्मा, उपाध्यक्ष नेहा साहू, सचिव कोमल डडसेना तथा सहसचिव निकिता पांडे ने सक्रिय भागीदारी दी।