• Thu. Mar 28th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

डॉ. रत्नानी ने हृदय को स्वस्थ रखने के दिए टिप्स

Sep 26, 2016

brahmakumari-apollo-bsrभिलाई। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के पीस ऑडिटोरियम में विश्व हृदय दिवस के उपलक्ष्य में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। अपोलो बीएसआर हॉस्पिटल के हृदय रोग विषेशज्ञ डॉ. दिलीप रत्नानी ने हृदय को स्वस्थ रखने के लिए प्रजेन्टेशन द्वारा बताया कि हृदयघात में रशिया के बाद भारत का स्थान है। हमें हार्ट अटैक के बारे में तब पता चलता है जब एम्बुलेंस या फिर हॉस्पिटल की बैड पर होते है। बहुत ज्यादा फास्ट फुड, तेल, घी नुकसानदायक है, जिससे मोटापा और कोलेस्ट्रॉल बड़ता है। फल, हरी सब्जियाँ, ड्राई फ्रूट्स का सेवन हार्ट के लिए लाभ दायक है। इसके साथ ही एक्सरसाईज और मेडिटेशन बेस्ट है। 40 मिनट तेज पैदल चलना अति उत्तम है। डॉ रत्नानी ने कहा, आज के दौर में हमने टेक्नोलॉजी को तो अपना लिया है लेकिन स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं हंै। दांंत से नीचे और नाभि के ऊपर का दर्द हार्ट से संबधित दर्द हो सकता है। यदि हम स्वस्थ रहते ही हमारे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं तो हम कभी बीमार ही न हो।
डॉ रत्नानी ने बताया कि दवाई के द्वारा 50 प्रतिशत तथा एन्जोप्लास्टी के द्वारा 90 प्रतिशत हार्ट का ईलाज होता है। हमारी सावधानी ही हमारा बचाव है। स्मोकिंग और एल्कोहल से सबसे ज्यादा नुकसान होता है। देर रात को भोजन कर सीधे सो जाना भी हार्ट क ो नुकसान करता है। रात्रि का भोजन शाम को ही लें।
आज कल 25 से 30 साल के युवाओं को भी हार्ट अटैक आ जाते हैं। रोज हमें 7 घण्टे गहरी नींद आना आवश्यक है। तनाव से बचने के लिए मेडिटेशन, प्राणायाम जरूरी है। अपनी इच्छाओं को कम करें।
मेडिटेशन के लाभ
सांईन्टिफिकली प्रूव्ड है कि मेडिटेशन से ब्लड प्रेशर 90 प्रतिशत तथा पल्स रेट नार्मल रहता है। सामान्य पल्स रेट 70 रहता है लेकिन मेडिटेशन से यह 60 रहता है जिससे कभी जीवन में हार्ट की प्रॉब्लम होगी ही नहीं। बस हमें अपने स्वास्थ के ऊ पर थोड़ा समय देना है। दवाइयां और मेडिटेशन साथ- साथ हो तो आपको जल्दी रिज़ल्ट मिलेगी।
अपोलो बीएसआर हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सावंत ने बताया कि पहले हम हार्ट की बिमारियों के लिए मेट्रो सिटीज जाते थे लेकिन आज भिलाई में ही विश्वस्तरीय सुविधायें उपलब्ध हैं।
संस्था के भिलाई सेवा केन्द्रों की संचालिका एवं इस कार्यक्रम की प्रेरणा स्त्रोत ब्रह्माकुमारी आशा बहन ने अपने आशीर्वचन में कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छी समझ और ईश्वरीय ज्ञान का होना आवश्यक है। दिल माना स्नेह की निशानी। छोटी-छोटी बातों से डिप्रेशन , तनाव जैसी बिमारियां होती है। परिस्थितियां व समस्याएं तो आयेेंगी ही जिससे बचने के लिए हमारे पास शक्ति का होना आवश्यक है जो कि मेडिटेशन से हमें प्राप्त होगा। शरीर का सबसे महत्वपुर्ण अंग दिल ही है। इस कार्यक्रम का लाभ बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिकों ने लिये।

Leave a Reply