दुर्ग। प्रत्येक प्राध्यापक सारी उम्र छात्र ही होता है तथा हमें जीवन भर कुछ न कुछ सीखने हेतु प्रयासरत रहना चाहिए। ये उद्गार शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एस.के. राजपूत ने व्यक्त किये। डॉ. राजपूत महाविद्यालय के स्वामी विवेकानंद ऑडियो-विजुअल हॉल में आयोजित नवनियुक्त प्राध्यापकों हेतु ओरियंटेंशन प्रोग्राम में बड़ी संख्या में उपस्थित प्राध्यापकों को संबोधित कर रहे थे। डॉ. राजपूत ने शिक्षक एवं विघार्थी के मध्य मर्यादा के साथ सीधा संवाद को आवश्यक बताते हुये कहा कि हमें प्रत्येक स्तर के विद्यार्थी की आवश्यकता के अनुरूप शैक्षणिक कार्य संपादित करना चाहिए। निरंतर ग्रंथालय का अवलोकन तथा लगातार नवीनतम विषय का ज्ञान ही किसी प्राध्यापक की वास्तविक पहचान होती है। डॉ. राजपूत ने प्राचीन शिक्षण पध्दति एवं वर्तमान समय में उपयोग में लायी जाने वाली नवीनतम शिक्षण पद्धति के गुणदोष पर विचार व्यक्त करते हुये नवनियुक्त प्राध्यापकों से आव्हान किया कि वे अपने अध्यापन के दौरान आईसीटी तकनीकों का भी उपयोग करें। समारोह में अपने विचार व्यक्त करते हुए महाविद्यालय आईक्यूएसी के संयोजक डॉ. जगजीत कौर सलूजा ने कहा कि किसी भी शिक्षक का व्यक्तित्व एवं विद्यार्थियों के साथ किया जाने वाला व्यवहार उसकी लोकप्रियता एवं महाविद्यालय में रचनात्मक भूमिका को प्रदर्शित करता है। डॉ. सलूजा ने समस्त युवा प्राध्यापकों से आव्हान किया कि वे शालीन वेशभूषा, सौम्य व्यवहार एवं रचनात्मक सोच पर अमल करते हुए महाविद्यालय में उन्हें सौंपे गये दायित्वों का ईमानदारी से निवर्हन करें। महाविद्यालय आईक्यूएसी के सदस्य प्रो. प्रशांत श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए महाविद्यालय की विकास यात्रा में नवनियुक्त प्राध्यापकों की रचनात्मक भूमिका की प्रशंसा की तथा कहा कि यदि हमारी गलतियों की ओर कोई ध्यान आकर्षित करता है, तो हमें सदैव इसे रचनात्मक सुधार मानते हुए स्वयं में सुधार का प्रयास करना चाहिए। डॉ. श्रीवास्तव ने उपस्थित प्राध्यापकों को आगामी कुछ महीनों में महाविद्यालय में आयोजित होने वाले इंस्पायर प्रोग्राम तथा नैक मूल्यांकन संबंधी जानकारी भी दी। डॉ. श्रीवास्तव ने पावर पाइंट प्रजेेंटेशन के माध्यम से प्राध्यापकों को शिक्षण पध्दति में कम्प्यूटर के अनुप्रयोग की विस्तृत जानकारी दी। आईक्यूएसी के अन्य सदस्य डॉ. प्राची सिंह ने अपने संबोधन में नवनियुक्त प्राध्यापकों को कक्षा के दौरान विद्यार्थियों के साथ किये जाने वाले विचार.विमर्श तथा शिक्षण पध्दति की जानकारी दी। डॉ. प्राची सिंह ने स्वास्थ्य को उत्तम बनाये रखने के विभिन्न उपायों से भी प्राध्यापकों को अवगत कराया। डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ समारोह का समापन हुआ। इस अवसर पर आईक्यूएसी सदस्य डॉ. के. पद्मावती महाविद्यालय के समस्त नवनियुक्त प्राध्यापक डॉ. अल्पना त्रिपाठी, डॉ. सीताराम देवांगन, डॉ. रीना साहू , डॉ. दीप्ति यादव, डॉ. निधि शर्मा आदि उपस्थित थे।