स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के बच्चों का शैक्षणिक भ्रमण
भिलाई। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई के बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा विद्यार्थियों को विज्ञान का व्यवहारिक ज्ञान देने के लिये एस.आर.टी.एग्रो साईन्स प्राइवेट लिमिटेड और अक्षय पात्र में दो दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया। महाविद्यालय की 30 छात्र-छात्रायें शैक्षणिक भ्रमण में सम्मिलित हुईं। शैक्षणिक भ्रमण के प्रथम दिन एस.आर.टी. एग्रो साईंन्स में बायोगैस उत्पादन की तकनीक और गाय के गोबर व मूत्र से जैव उर्वरक निर्माण के सिद्वांतों के बारे में जाना। गिर नस्ल की गायों की विशेषता बताते हुए कहा कि यह सर्वाधिक उपयुक्त गाय है जिससे प्रतिदिन 15-16 लीटर दूध का उत्पादन होता है और इसके अवशिष्ट से जैव गैस और जैव उर्वरक का उत्पादन होता है। यहां गायों का दूध स्वचलित मशीनों द्वारा निकाला जाता है, जो कम समय में दूध निकाल लेती हैं।
इसके आलावा यहॉं जैव उर्वरक का उत्पादन शैवाल और फर्न के द्वारा किया जाता है जिसे प्रयोगशाला में जॉंच कर तैयार किया जाता है जो धान और अन्य फसलों की वृद्धि के लिए उपयोगी है। साथ ही साथ ये जैव उर्वरक मिट्टी की उर्वरता बताए रखते है जबकि रासायनिक खाद से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता नष्ट हो जाती हैं।
द्वितीय दिवस विद्यार्थियों द्वारा अक्षय पात्र सेक्टर – 6, भिलाई में शैक्षणिक भ्रमण किया गया। यह संस्था संपूर्ण भारत के 26 संस्थानों में एक है जहां दुर्ग जिले के 163 विद्यालयों में प्रतिदिन मिड डे मील के रुप में भोजन वितरित किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य संक्रमण रहित पौष्टिक भोजन तैयार तथा प्रदान करना है। जिसके लिए संपूर्ण भोजन भाप से बनाया जाता है, जिससे बैक्टिरिया और फंजाई नष्ट हो जाते हैं और भोजन की पौष्टिकता भी बनी रहती है। बॉयलर सिस्टम द्वारा भाप का निर्माण किया जाता है जिसे पाइप लाईल द्वारा सप्लाई किया जाता है। भाप द्वारा कुछ ही मिनटों में बहुत अधिक मात्रा में भोजन तैयार हो जाता है।
शैक्षणिक भ्रमण को विद्यार्थियों ने लाभदायी बताया और कहा कि भविष्य में उनके लिए प्रेरणादायी रहेगा। इस प्रकार के भ्रमण से अपने क्षेत्र के प्रति जागरुकता भी बनी रहती है और यह दिशा निर्देश भी प्रदान करता हैं।
इस अवसर पर महाविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग से स.प्रा. श्रीमती शिवानी शर्मा और स.प्रा. योगेश देशमुख उपस्थित रहे।