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स्वास्थ्य जागरूकता पर 6 दिवसीय व्याख्यानमाला

Oct 26, 2016

GOVT-WWP-GIRLS-PG-COLLEGE-Dदुर्ग। शासकीय डॉ वावा पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग के तत्वाधान में ”स्वास्थ्य जागरूकता’ पर 6 दिवसीय व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। इसके अन्तर्गत विभिन्न रोगों के प्रति सर्तकता बरतने एवं बचाव पर विषय विशेषज्ञों के व्याख्यान आयोजित किए गए। भिलाई महिला महाविद्यालय की प्राध्यापक डॉ भावना पाण्डे ने नैनोटेक्नालॉजी पर अपना व्याख्यान दिया तथा इसके द्वारा कैंसर जैसी गंभीर बिमारियों का इलाज कैसे होता है तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में इस टेक्नालॉजी के बढ़ते प्रयोग पर प्रकाश डाला।WWP-GIRLS-PG-COLLEGE-DURGशासकीय नागार्जुन विज्ञान महाविद्यालय की प्राणीशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ. रेणु महेश्वरी ने स्वास्थ्य प्रबंधन एवं बढ़ते प्रदूषण पर चिंता प्रकट करते हुए विभिन्न बीमारियों की चर्चा की। उन्होनें ‘स्वच्छ भारत अभियान के तहत किए जा रहे प्रयासों से जुडऩे का आव्हान किया।
इसी क्रम में डॉ. हेमा कुलकर्णी ने बताया कि यदि हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता कमजोर होगी तो शीघ्र ही हमें बीमारियाँ पकड़ लेगी। उन्होंने ‘एड्सÓ पर भी विस्तार से चर्चा की तथा इससे बचने के उपाय तथा सामाजिक जागरूकता के महत्व को बतलाया। कार्यशाला के चौथे दिन विषय विशेषज्ञ डॉ अल्का मिश्रा ने रक्त संबंधित विभिन्न बीमारियों पर व्याख्यान दिया। उन्होंने सिकल सेल ऐमेनिया तथा हीमोफीलिया जैसे रोगों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि अनुवांशिकता के कारण भी ये बीमारियाँ पीढ़ी दर पीढ़ी पहुँच जाती है। डॉ अलका मिश्रा ने ”रक्त समूह तथा रक्त प्रवाह की कार्यप्रणाली पर विस्तार से प्रकाश डाला।
व्याख्यानमाला में शासकीय महाविद्यालय वैशालीनगर की प्राध्यापक डॉ शिखा श्रीवास्तव ने बैक्टिरियल एवं वाइरल संक्रमण पर व्याख्यान दिया।
उन्होंने इसके प्रसार व रोकथाम पर विस्तार से चर्चा की। डॉ श्रीवास्तव ने जीवाणु संक्रमण के विभिन्न प्रकार एवं कार्यप्रणाली पर विद्यार्थियों को अवगत कराया।
इस 6 दिवसीय व्याख्यान माला के समापन पर प्राणीशास्त्र की वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ सुधा अग्रवाल ने औषधीय पौधों की उपयोगिता पर विशेष व्याख्यान दिया।
उन्होनें कई ऐसे पौधों के विषय में बतलाया की हमारे आसपास पाये जाते है और जिनका महत्व हमारे जीवन से बहुत अधिक है। तुलसी, एलोवेरा विषय पर चर्चा करते हुए उन्होनें बताया कि एलोवेरा से त्वचा से संबंधित बीमारियों का इलाज किया जाता है।
तिनपनिया, कालीमिर्च का मिश्रण बनाकर पाचनतंत्र मजबूत होता है। इस छ: दिवसीय कार्यशाला में छात्राओं को अचंल के प्राणीशास्त्र के विषय विशेषज्ञों के व्याख्यान का लाभ मिला वहीं विभिन्न रोगों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई तथा बचने के उपाय भी जान पाये।
इस कार्यशाला का संयोजन प्राणीशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ निसरीन हुसैन ने किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सुशील चन्द्र तिवारी ने कार्यशाला को जन-जागरूकता के लिए उल्लेखनीय बताते हुए छात्राओं के लिए लाभदायक बतलाया। उन्होनें कहा कि हम सतर्क व सावधान रहकर ही विभिन्न बीमारियों से बच सकते है। स्वच्छता अभियान के माध्यम से हम विभिन्न बिमारियों से बच सकते है जिससे युवा पीढ़ी को आगे आकर सक्रिय भूमिका निभानी है। इस व्याख्यान माला में एमएससी एवं बीएससी की छात्राओं ने बड़ी संख्या में उपस्थित रही।

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