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छत्तीसगढ़ में बनेगी पंजाबी अकादमी : रमन

Dec 20, 2016

तीर्थ यात्रा योजना के तहत पूरी ट्रेन जाएगी पटना साहिब, गुरुगोविन्द सिंह प्रकाश पर्व पर होगा सार्वजनिक अवकाश
kambo-cmभिलाई। राष्ट्रीय सिक्ख संगत छत्तीसगढ़ द्वारा श्री गुुरूगोविन्द सिंहजी के 350वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में प्रदेश स्तरीय एक वृहद आयोजन माता सुंदरी हाल खालसा स्कूल रायपुर में किया गया जिसमें भारी संख्या में गुरूनानक नामलेवा साध संगत संपूर्ण छत्तीसगढ़ से इस समारोह मेें पहुंची थी। प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे तथा छत्तीसगढ़ ओलम्पिक एसोसिएशन के महासचिव सरदार बलदेव सिंह भाटिया राजनांदगॉव ने अध्यक्षता की । डॉ. रमन सिंह ने करतल ध्वनि के मध्य छत्तीसगढ़ में पंजाबी एकादमी बनाये जाने 5 जनवरी 2015 को गुरूगोविन्द सिंह के प्रकाश पर्व पर प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश देने तथा गुरूगोविन्द सिंहजी के प्रकाश पर्व पर तीर्थयात्रा योजना के अंतर्गत पूरी ट्रेन पटना साहिब के लिए भेजने जिसमें सारी व्यवस्था राज्य शासन द्वारा किये जाने एवं नि:शुल्क यात्रियों को लेकर जाने की घोषणा के साथ ही सारा हाल ”बोले सो निहाल सतश्रीआकाल” के बुलंद नारो से गंूज उठा। डॉ. रमन सिंह ने कहा देश धर्म, समाज और संस्कृति की रक्षा के लिए सिक्ख गुरूओं ने जो शहादत दी है ऐसा उदाहरण दुनियां के किसी देश और किसी धर्म में देखने को नही मिलता हैं यह शहादत हम सभी के लिए प्रेरणादयक है। आपने कहा गुरूगोविन्द सिंहजी धार्मिक गुरू के साथ एक शूरवीर योद्धा और कवि भी थे उनके समय में 52 कवियों को उन्होने राजकीय सम्मान देकर सम्मनित किया था गुरूजी ने स्वयं भी कविताओं के अनेक संग्रह प्रकाशित करवाये थे । गुरूजी ने खालसा पंथ की स्थापना कर पंथ का मार्गदर्शन करते हुए देश और धर्म के प्रति आत्म समर्पण की भावना पोषित किये जाने की आवश्यकता प्रतिपादित की। सरदार बलदेव सिंह ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए सिक्ख गुरूओं की शहादत के प्रति अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुुए साध संगत को गुरू इतिहास से अवगत कराया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह संघचालक डां. पूर्णेन्दु सक्सेना ने कहा आज भी गुरूओं की शहादत के स्मरण मात्र से श्रद्धा की भावना मन में जागृत होती है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत बौद्धिक सहप्रमुख कैलाश चंद ने भी गुरूओं के श्री चरणों में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। पंजाबी सनातन सभा के डा. कुमार ने भी अपने विचार रखे। राष्ट्रीय सिक्ख संगत के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन अविनाश जायसवाल ने गुरू इतिहास और उनकी शहादत का स्मरण करते हुए गुरू इतिहास से संगत को जोड़ा। हिन्दी ग्रंथ एकादमी के पूर्व संचालक तथा वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर ने भी गुरू इतिहास पर प्रकाश डाला। छत्तीसगढ़ सिक्ख पंचायत के चेयरमेन सरदार स्वर्ण सिंह केम्बो ने गुरूओं की शहादत को नमन किया । राष्ट्रीय सिक्ख संगत के मार्गदर्शक शांताराम सर्राफ रायपुर के जुझारू विधायक श्रीचंद सुंदरानी, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष भुपेन्द्र सवंनी भी मंचासीन थे। मंच का सफल संचालन राष्ट्रीय सिक्ख संगत के प्रदेश उपाध्यक्ष तथा अल्प संख्यंक आयोग के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह केम्बो ने किया। अल्प संख्यक मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सलीम राज, गुरूद्वारा श्री गुरू सिंघ सभा स्टेशन रोड के अध्यक्ष सरदार दिलीप सिंह होरा, संगत के प्रदेश महामंत्री सरदार कुलदीप सिंह खनूजा, उपाध्यक्ष अवतार सिंह बागल, प्रवक्ता अमरजीत ंिसंह छाबडा, हरपाल सिंह भामरा, ज्ञान सिंह राजपाल, खालसा स्कूल के अध्यक्ष जसबीर सिंह शिरोमणी गुरूद्वारा प्रबंध समिति छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष सरदार गुरमीत सिंह सैनी, अल्प संख्यक आयोग के सदस्य तौकीर रजा , उर्दू एकदामी के उपाध्यक्ष फुग्गा भाई तथा छत्तीसगढ़ के सभी गुरूद्वारा साहेब के अध्यक्ष एवं प्रबंधक भारी संख्या में समारोह में उपस्थित थे। समस्त गुरूद्वारों की स्त्री सत्संग की बहनों ने भी समारोह में शिरकत की। गुरूद्वारा बाबा बुड़ाजी कोहका भिलाई की बहनों तथा नवयुवकों द्वारा शब्द गुरूवाणी के माध्यम से समारोह की शुरूवात की गयी।

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