कैंसर की कठिनतम सर्जरियों में मिली सफलता
भिलाई। कैंसर सर्जन डॉ नितिन टी बोमनवार ने बीएसआर कैंसर हास्पिटल में एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर लिया है। उनका यह कार्यकाल उपलब्धियों से भरा रहा है जिसमें उन्होंने ऐसी अनेक कठिन सर्जरियों को अंजाम दिया जो भारत में बहुत कम किए जाते हैं। इससे भी बड़ी उपलब्धि यह रही कि सभी मरीजों को सकुशल अस्पताल से छुट्टी दी गई। डॉ बोमनवार ने बताया कि इस अवधि में उन्हें कई चुनौतीपूर्ण केस करने पड़े। इन्हीं में से एक केस था सूडोमिक्सोमा पेरिटोनिआई का। सूडोमिक्सोमा पेरिटोनिआई में पेट के भीतर कैंसर का जेली जैसा पदार्थ भर जाता है। इसे पूरी तरह से हटाना बहुत मुश्किल काम होता है। इस सर्जरी में उन्हें दस घंटे लगे जिसमें निश्चेतना विशेषज्ञ एवं सपोर्टिंग टीम का बड़ी भूमिका होती है।
एक ऐसे ही चुनौतीपूर्ण केस में ईसोफेगस और स्टमक की संधि का निकालना था। इसके बाद आहारनली को आगे जोडऩा भी था। हमें इसे भी सफलता मिली। इसके अलावा एड्रिनालेक्टामी, थायमेक्टॉमी की विरल सर्जरी भी सफलतापूर्वक की गई।
एक बड़ी सफलता फ्रीफ्लैप सर्जरी के रूप में मिली। इसमें जबड़े को काटकर निकाले गए हिस्से को सिर्फ भरने के बजाय हम वेसल्स सहित शरीर के दूसरे हिस्से का फ्लैप लगाते हैं। इससे उस भाग में संवेदना भी बनी रहती है। बिना किसी कामप्लिकेशन के यह प्रयोग सफल रहा। इस सर्जरी में प्लास्टिक सर्जन डॉ दीपक कोठारी साथ थे। डॉ बोमनवार का काम शिरा-उपशिराओं को बचाते हुए कैंसर ग्रस्त हिस्से को हटाना था।
डॉ बोमनवार इस सफलता का श्रेय बीएसआर कैंसर अस्पताल में उपलब्ध उच्चकोटि की अधो संरचना, उपकरण एवं ओटी टीम को देते हैं जिनके बिना इन सर्जरियों को कर पाना संभव नहीं था। वे कहते हैं कि हमने कोशिश की और ईश्वर का हाथ हमपर बना रहा जिसके कारण रोगी ठीक होकर अपने घर लौट गए। इस अवधि में एक भी मरीज की मृत्यु नहीं होना हमारा सौभाग्य है।