बोगस कंपनियां, रियल एस्टेट और सराफा में लगा पैसा
रायपुर। छत्तीसगढ़ में नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में काला धन खपाने वालों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 9 शहरों में 15 अलग-अलग कारोबारियों के ठिकानों पर एक साथ सर्वे किया। रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, भिलाई, महासमुंद, कांकेर, जगदलपुर, बेमेतरा और भाटापारा में टीम ने दबिश दी। इनमें कई कंपनियां बोगस मिली हैं। आदिवासी बहुल कांकेर और जगदलपुर के रियल एस्टेट और सराफा कारोबारी जद में आए हैं। मुख्य आयकर आयुक्त केसी घुमरिया ने बताया कि नोटबंदी के समय मनमाने पैसा जमा करने पर देशभर के 12 लाख कारोबारियों से जवाब मांगा गया था, लेकिन अधिकांश ने नहीं दिया। इनमें सबसे ज्यादा सराफा और रियल एस्टेट कारोबारी हैं। कई कारोबारियों ने बोगस कंपनियां बनाकर करोड़ों रुपए जमा किए हैं, जिनके संचालकों की ओर से कोई जवाब नहीं आया। रायपुर, राजनांदगांव और बिलासपुर में कंपनियों के पते पर टीम पहुंची तो गलत निकला। आसपास के लोगों ने ऐसी कोई कंपनी नहीं होना बताया। ये सभी जांच की जद में हैं।नोटबंदी के बाद आयकर की टीम ने 8 सर्वे किए, जिनमें कारोबारियों ने 15 करोड़ की अघोषित आय सरेंडर की है। रायपुर, राजनांदगांव और तिल्दा में जांच पूरी हुई है। राजनांदगांव के बरडिय़ा ज्वेलर्स ने 1 करोड़ 70 लाख रुपए सरेंडर किए। आयकर इन्वेस्टिगेशन विंग ने मार्च में 4 सर्वे किए, जिनमें कारोबारियों ने 6 करोड़ रुपए सरेंडर किए हैं। घुमरिया ने बताया कि इस साल 4200 करोड़ के राजस्व वसूली का टारगेट है, जिसमें से अब तक 2800 करोड़ की वसूली हो गई है। 31 मार्च तक सर्वे की कार्रवाई में तेजी रहेगी।