भिलाई। कॉमर्स गुरू, मोटिवेशनल ट्रेनर और समाज सेवी के रूप में पूरे छत्तीसगढ़ में अपनी पहचान बना चुके डॉ संतोष राय ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम दर्ज करा लिया है। डॉ संतोष राय को Guiness Book of World Records में शामिल कर लिया गया है। उन्हें यह एंट्री सबसे बड़े बिजनेस कार्ड के लिए मिली है।डॉ. संतोष राय का गिनिज बुक में नाम दर्ज होने के पूर्व यह रिकार्ड यूके की प्रिंटिग कम्पनी इंसटेन्टप्रिंट के नाम दर्ज था। जिसे डॉ. संतोष राय ने तोड़ा है। 2017 के शिक्षा जगत के पहले ऐसे व्यक्ति डॉ. संतोष राय हैं जिनका नाम गिनिज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज हुआ है।
डॉ. संतोष राय इसके पूर्व लिमका बुक, इण्डिया बुक और गोल्डन बुक में भी नाम दर्ज करा चुके हैं। उनके नाम कई अन्य रिकार्ड भी हैं। डॉ. संतोष राय का नाम गिनिज बुक में दर्ज होने पर रोटरी क्लब ऑफ भिलाई स्टील सिटी, लायंस क्लब ऑफ दुर्ग सिटी, संस्था के सीए प्रवीण बाफना, सीए केतन ठक्कर, सीए दिव्या रत्नानी, मारिया रिजवी, एमसीए मि_ू, पियूश जोशी, सीए सुचेता शर्मा, रमेश पटेल, फजल फारूखी ने बधाई दी। डा. संतोष राय ने इस्पात नगरी का नाम अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर गिनिज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज कराया है।
डॉ संतोष राय का जीवन और सफलता की कहानी बेहद प्रेरणास्पद है। डॉ राय ने उस समय में भिलाई में कॉमर्स को स्थापित करने के प्रयास शुरू किये जब यहां गणित और विज्ञान ही होनहारों की च्वाइस हुआ करती थी। टॉपर्स या तो गणित चुनते थे या फिर विज्ञान। इनमें सीटें भर जाने के बाद ही लोग कॉमर्स चुना करते थे। डॉ संतोष राय ने इस ढर्रे को बदला और कॉमर्स को भी फस्र्ट च्वाइस का विषय बना दिया।
डॉ संतोष राय और उनकी समर्पित टीम ने कॉमस के विद्यार्थियों को हर तरह का प्रशिक्षण देने की एक अभिनव शुरुआत की। वे पूरी तरह से इस क्षेत्र में रम गए। विषय अध्ययन अध्यापन के अलावा उन्होंने छात्रों के व्यक्तित्व विकास और अंग्रेजी को भी तराशने की व्यवस्था की। 11वीं और 12वीं कक्षा से छात्रों को कॉमर्स का प्रशिक्षण देने के साथ ही इन्हें सीए, आईसीडब्ल्यूए (अब सीएमए) के साथ ही विभिन्न प्रबंधकीय कोर्सेस के लिए भी तैयार करना शुरू किया। इसके लिए उन्होंने प्रदेश भर का दौरा किया तथा आसपास के राज्यों में भी जाकर छात्र समुदाय को मोटिवेट किया।
इतनी व्यस्तता के बावजूद डॉ राय ने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। पढ़ाने के समानान्तर उन्होंने स्वाध्याय जारी रखा तथा एक के बाद एक डिग्री लेते चले गए। कई विषयों में उन्होंने 7 विषयों में पीजी किया। एलएलबी की डिग्री ली। विभिन्न प्रफोशनल कोर्स किए। आज उनके पास 22 डिग्रियां हैं। किसी भी प्रफेशनल के पास होने वाली यह संभवत: राष्ट्र की सर्वाधिक डिग्रियां हैं।
डॉ संतोष राय ने स्वयं को कभी सीमित नहीं किया। उन्होंने अपने साथ जुड़े शिक्षित और अनुभवी लोगों की टीम को लगातार प्रेरित किया और अंतत: इसका भी सुखद नतीजा सामने आया। मां शारदा सामथ्र्य चैरिटेबल ट्रस्ट के बैनर तले समाज को एक नई दिशा देने की सोच लेकर लोग एकत्र हुए और समर्पित ढंग से अपना अपना काम करने वालों को आगे बढ़ाने का एक अनवरत सिलसिला प्रारंभ हो गया।
डॉ संतोष राय बताते हैं कि आगे बढऩे की निरंतरता के जरिए वे लोगों को यही बताना चाहते हैं कि ‘मुश्किल नहीं है कुछ भी अगर ठान लीजिएÓ। सफलता उम्र, पद और प्रतिष्ठा नहीं देखती।