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रईस शक्की बीवियों को खूब लगाया चूना

Mar 2, 2017

Mobile CDR चुराकर डाले फर्जी गर्लफ्रेंड्स के नम्बर
CDRमुंबई। प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसियां रईस शक्की बीवियों को खूब चूना लगाती हैं। वे पति के काल्पनिक गर्लफ्रेंड्स बनाते हैं और इसके लिए पति के कॉल डिटेल रिकार्ड (CDR) से भी छेड़छाड़ करते हैं। इन सबूतों का इस्तेमाल पत्नियां डिवोर्स के लिए करती हैं।यह सनसनीखेज खुलासा मुंबई क्राइम ब्रांच द्वारा कॉल डेटा रिकॉर्ड (सीडीआर) लीक मामले की अब तक की जांच में सामने आया है। क्राइम ब्रांच ने इस केस में अब तक 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनकी मदद करने वाले पुलिस अधिकारी की गिरफ्तारी अभी बाकी है।
जांच में पता चला है कि शक्की महिलाएं निजी डिटेक्टिव एजेंसियों से अपने पतियों की जासूसी करवाती हैं। कुछ मामलों में तो वास्तविक अफेयर निकले किन्तु ज्यादातर मामले खुद एजेंसी ने तैयार किए। एजेंसी निर्दोष पति के फर्जी सीडीआर बनाकर उसमें कुछ लड़कियों के नंबर डाल देते और पत्नी को गुमराह करते कि उनके पतियों के एक नहीं, कई लड़कियों से अफेयर हैं।
इन लड़कियों के सीडीआर निकालने के बहाने आरोपियों ने बीवियों से जमकर रुपये वसूले। महिला जितनी संपन्न होती, उसके पति के उतने ही ज्यादा गर्लफ्रेंड बताए जाते और मोटी रकम वसूली जाती। कॉलेज की स्टूडेंट्स भी अपने बॉयफ्रेंड की जासूसी करवाती हैं पर उनसे अपेक्षाकृत कम रकम ली जाती थी।
क्राइम ब्रांच के मुताबिक इन प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसियों का बिजनेस घराने दूसरे बिजनेस घरानों की जासूसी के लिए भी इस्तेमाल करते हैं। पर 60 फीसदी मामले पति या बॉयफ्रेंड की जासूसी के ही हैं।
यह पूरा केस तब ओपन हुआ था जब पिछले महीने सीनियर इंस्पेक्टर महेश देसाई, राजेश पडवी और नितिन पाटील की टीम ने लक्ष्मण ठाकुर और कितेश कवि को गिरफ्तार किया था। बाद में इस केस में शैलेश मांजरेकर और सौरभ साहू को पकड़ा गया। सौरभ दिल्ली का मूल निवासी है और एक वॉन्टेड आरोपी के जरिए राजस्थान के एक सब-इंस्पेक्टर व उत्तर भारत की कुछ अन्य जांच एजेंसियों के संपर्क में था।
ऐसे मिलता है सीडीआर
किसी का भी सीडीआर किसी मोबाइल कंपनी के नोडल अधिकारी के जरिए मिलता है। नोडल अधिकारी यह सीडीआर तभी दे सकता है जब उसके पास डीसीपी या उससे ऊपर के रैंक के अधिकारी का ई-मेल या लेटर आए। यदि वर्तमान केस में किसी नोडल अधिकारी ने बिना डीसीपी की परमिशन के किसी सब- इंस्पेक्टर या प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसियों को सीडीआर दिए हैं तो मोबाइल कंपनी के नोडल अधिकारी की गिरफ्तारी भी तय है।

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