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साइकिल पर भिलाई पहुंची नागपुर की बेटियां

Mar 27, 2017

श्रीशंकराचार्य महाविद्यालय परिवार के साथ साझा किए अनुभव
cycling nagpur-raipurभिलाई। साइकिल पर साइकिल पर भिलाई पहुंची नागपुर की बेटियां. नागपुर से रायपुर की यात्रा पर निकली ‘अपार’ टीम का आज श्रीशंकराचार्य महाविद्यालय में पौधे भेंटकर स्वागत किया गया। इस टीम में तीन छात्राएं भी शामिल हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश लोगों तक पहुंचाने के लिए वे इस साहसिक यात्रा पर निकली हैं। सिमरन मेश्राम, ऐश्वर्या मेश्राम, अंजली गेडाम, अपूर्व नायक, रजत वानखेड़े, सुरेश लंगे, छत्रुघ्न पटले की यह टीम 23.3 घंटे में रविवार को ही रायपुर पहुंच गई थी। shankaracharya-mahavidyalayआज दोपहर को टीम के सदस्य महाविद्यालय के निमंत्रण पर यहां पहुंचे। अपूर्वा नायक आईटीआई की छात्रा है जबकि छत्रुघ्न बीएससी एग्रीकल्चर का छात्र। अंजली सीपीटी की स्टूडेंट है जबकि सिमरन एमएसडब्ल्यू की छात्रा। ऐश्वर्या मेश्राम भी अंडरग्रेजुएट हैं। 70 वर्षीय एसडी भावे उनके प्रेरणा स्रोत हैं जो स्वयं इस तरह की साहसिक यात्राओं के लिए जाने जाते हैं।
अलग अलग कालेजों में पढऩे वाले इन बच्चों की मुलाकात स्पोकन इंग्लिश की कक्षा में हुई थी। अपूर्व नायक इस टीम के नायक हैं। बचपन से ही एडवेंचर के शौकीन अपूर्व ने ही टीम को कुछ करने के लिए मोटिवेट किया और इन्होंने इसे सामाजिक सरोकार से जोड़ दिया।
shankaracharya_mahavidyalayश्रीशंकराचार्य महाविद्यालय में निदेशक जे दुर्गा प्रसाद राव, प्राचार्य डॉ रक्षा सिंह, फैकल्टी मेम्बर्स और स्टूडेंट्स के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि जब इस यात्रा की बात चली तो बहुत लोग तैयार हो गए थे। पर अंत में ड्राइवर कम फोटोग्राफर समेत 10 लोगों की टीम को चुना गया। टीम ने रातभर यात्रा की। उन्होंने बताया कि आम तौर पर साइक्लिंग तेज गति से शुरू होकर धीरे धीरे धीमी होने लगती है। पर उनके साथ ऐसा नहीं हुआ। साधारण साइकिलों पर आरंभ में वे आराम से ही चले और रात को गति तेज कर ली। नागपुर से रायपुर की तरफ ढलान है इसलिए साइक्लिंग में कोई दिक्कत भी नहीं आई। रास्ते भर लोग उन्हें रोक रोककर स्वागत करते रहे, हौसला अफजाई करते रहे। पर उन्हें भोजन का ऑफर ठुकराना पड़ा। यह उनकी मजबूरी थी। वे सिर्फ स्वल्पाहार और ग्लूकोज पर ही यात्रा पूरी कर सकते थे।
खट्टे मीठे अनुभवों के साथ उनकी यात्रा पूरी हुई। कुछ लोगों ने टोकाटाकी भी की किन्तु ज्यादातर लोगों ने उनके प्रयास की सराहना की और उनका हौसला बढ़ाया। नागपुर से रायपुर तक रास्ता भी अच्छा है केवल इंटस्टेट बार्डर के पास ही उन्हें तेज रफ्तार गाडिय़ों से कुछ परेशानी हुई। यहां स्ट्रीट लाइट भी नहीं है और लोग हाईबीम में हेडलाइट जलाकर गुजर रहे थे।
ऐश्वर्या ने बताया कि टीम ने इसके पहले भी दो अभियान पूरे किए हैं जिसमें 300 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल, कालेज, पुलिस स्टेशन आदि स्थानों में 708 पौधे रोपना शामिल है। इस यात्रा में उन्हें 9 दिन लगे थे। टीम दिसम्बर 2017 में कश्मीर से कन्याकुमारी की यात्रा करने जा रही है। इस यात्रा को 18 दिनों में पूरी करने का लक्ष्य है। टीम का नाम जल्द ही लिम्का बुक ऑफ रिकाड्र्स में भी शामिल होने जा रहा है।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ रक्षा सिंह ने इन बेटियों को उनकी साहसिक यात्रा के लिए शाबासी देते हुए महाविद्यालय में बेटी पर केन्द्रित गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि टीम के प्रेरणा स्रोत एसडी भावे का इस महाविद्यालय में आगमन हो चुका है। ऐश्वर्या भी इस महाविद्यालय में दूसरी बार पहुंची हैं। उन्होंने टीम के भोजन और विश्राम की भी व्यवस्था कर दी। टीम कल सुबह दोबारा रायपुर जाएगी जहां महापौर के साथ उनकी मुलाकात तय है।

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