क्राइम ब्रांच ने 24 घंटे के भीतर किया गिरफ्तार
दुर्ग। रिटायर्ड पुलिस अफसर ने बनाया सोना लूटने का प्लान। रिटायर्ड सहकर्मी के बेटे को फंसा कर किया राजी। कट्टा देकर होली के दूसरे दिन भेजा वारदात को अंजाम देने। प्लान भसका और 24 घंटे के भीतर न केवल मास्टरमाइंड का खुलासा हो गया बल्कि सभी आरोपी दबोच लिए गए। रिटायर्ड पुलिस अधिकारी दिलीप सिंह राठौर नेहरू नगर में रहते हैं। उन्होंने अपने रिटायर्ड सहकर्मी राजकिशोर राय के बेटे संजीव राय को तीन लाख रुपए उधार दिए थे। संजीव रकम लौटा नहीं पाया। उसने अपने पिता के फर्जी हस्ताक्षर कर उनका चेक राठौर को दिया था। इस मामले में राज किशोर राय के खिलाफ बाउंस चेक का मामला भी दर्ज हो गया।अब संजीव फंस चुका था। राठौर ने इस मौके का भरपूर फायदा उठाया। उसने एक मास्टर प्लान बनाया। वारदात के लिए उसने होली का दूसरा दिन चुना जब अधिकांश पुलिस अधिकारी अवकाश पर होते हैं।
आदमी इकट्ठा करने का काम साई लॉज दुर्ग के मैनेजर मनोज सिंह को सौंपा गया। आईआईएफएल गोल्ड लोन कंपनी को लूटने का प्लान बनाया गया। राठौर ने आईआईएफएल का नक्शा बनाकर इस टीम को सौंपा। राठौर तीन साल तक आईआईएफएल का सुरक्षा अधिकारी था। तय हुआ कि पहले ये लोग सीसीटीवी कैमरा और सायरन को निष्क्रिय करेंगे और फिर वारदात को अंजाम देंगे।
14 मार्च को शाम 6:15 बजे आरोपियों की टीम आईआईएफएल पहुंची। पर सायरन का तार काटते हुए उन्हें कंपनी के कर्मचारी ने देख लिया। दोनों के बीच हाथपाई हुई और आरोपी कट्टा लहराते हुए भाग निकले।
सूचना पर दुर्ग पुलिस तथा क्राइम ब्रांच की अलग-अलग टीम बनाकर पतासाजी शुरू की गई। घटना स्थल के आस पास के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया। इसमे संदिग्ध आरोपियों से मिलते जुलते हुलिया के व्यक्ति दिखाई दिये। आरोपियों के इलेक्ट्रानिक सर्विलेन्स, सीसीटीवी फुटेज तथा मुखबिरो के सहयोग से आरोपी संजीव राय को सुपेला में पकड़ा गया। पूछताछ पर पूरी कहानी सामने आ गई।
आरोपियों के नाम इस प्रकार हैं। रिटायर्ड पुलिस अधिकारी डीएस राठौर (65) निवासी 75/7, नेहरू नगर ईस्ट, भिलाई, संजीव कुमार राय (36) हनुमान नगर तितुरडीह, दुर्ग, मुकेश यादव (42) नेहरू नगर, माल के सामने, भिलाई और मनोज सिंह (47) हमदारपुर, थाना माली, जिला औरंगाबाद, बिहार।