भिलाई। छत्तीसगढ़ से जाकर सुदूर अमेरिका में बसने वाले लोगों ने एक दूसरे से जुड़े रहकर मदद करने के लिए एक संगठन बनाया है। इसका नाम छत्तीसगढ़ एसोसिएशन ऑफ नार्थ अमेरिका (चाना) रखा गया है। तीन महीने में ही संगठन ने 800 परिवारों को जोड़ लिया है। संगठन से जुड़े परिवार इस दौरान कई गेट-टुगेदर कर चुके हैं। इसकी नींव उसी समय पड़ गई थी जब 2002 में छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी अमेरिका के बे एरिया में आए थे। बचेली जिला दंतेवाड़ा निवासी गणेश कर शिकागो में रहते हैं। वे इस संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। गणेश बताते हैं कि भारत के अन्य राज्यों से यहां आकर बसे लोगों ने अपनी अपनी संस्थाएं बना रखी हैं पर छत्तीसगढ़ वासियों के साथ ऐसा नहीं था। हमने यह कमी पूरी करने की कोशिश की है। अपनी जमीन से दूर विदेश में बसे इन परिवारों को एकाकी होने के कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था। अब हम सब एक दूसरे की मदद कर सकते हैं और एक मजबूत समाज बना सकते हैं।
चाना का उद्देश्य आगे चलकर भारत सरकार के साथ मिलकर अपने देश, विशेषकर छत्तीसगढ़ के लोगों के स्किल डेवलपमेंट में योगदान करना है। इसके साथ ही हम छत्तीसगढ़ के कलाकारों को अमेरिका में मंच भी प्रदान करना चाहते हैं ताकि हमारी संस्कृति से लोग अवगत हों। इससे कलाकारों को भी फायदा होगा।
चाना का प्रसार फिलहाल इलिनोइस, ईस्ट कोस्ट, मिशिगन, ओहायो, नार्थ एवं साउथ कैरोलिना, फ्लोरिडा, टेनेसी, टेक्सास, ऊटाह, एरिजोना से लेकर कैलीफोर्निया तक है। शिकागो में दीपाली साराओगी, डालास में अजय डडसेना और विनीत मिश्रा, मिशिगन में मनोज सिन्हा, योगिता सिन्हा, न्यू जर्सी में अशोक उपाध्याय, वाशिंगटन डीसी में अंजू सिंघल, शिकागो में श्वेता राठौड़, हरप्रीत सिंह, शत्रुघ्न बरेठ, गणेश कर, कैलीफोर्निया में दिनेश झा, राजेश साव, अटलांटा में नीरज शर्मा, राजश्री आरकोट, शार्लट में चित्रा देशपांडे, टेक्सास में नीलाम मथानी, वर्जीनिया में रिंका चैटर्जी, फ्लोरिडा में गोविन्द साहू, नेतराम साहू, अरिजोना में पीयूष अवधिया, संगठन के काम को आगे बढ़ा रहे हैं।