भिलाई। वाटर हार्वेस्टिंग के लिए बीएसपी ने हाथ बढ़ाया है। जल-संरक्षण के इस राष्ट्रीय अभियान में भागीदारी निभाने इस्पात नगरी एवं आसपास के रहवासियों को समय-समय पर रेन-वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की नि:शुल्क तकनीकी जानकारी प्रदान की जाती है। उल्लेखनीय है कि जल की सहज उपलब्धता कायम रखना आज एक गम्भीर विषय है। वर्षा-जल के समुचित संरक्षण की कमी एवं भू-जल के अंधाधुंध दोहन ने जल-समस्या खड़ी कर दी है। बढ़ती आबादी एवं उच्च जीवन-शैली ने प्रति व्यक्ति जल की औसत माँग को बढ़ा दिया है जबकि पर्यावरणीय बदलाव के कारण वर्षा में अनियमितता तथा तापमान में वृद्धि निरन्तर बढ़ती जा रही है। इस समस्या के अधिक गम्भीर होने के पूर्व ही जल-संरक्षण के पर्याप्त उपाय शीघ्र कर लेना अत्यंत जरूरी है। वर्षा-जल का संरक्षण व्यक्तिगत एवं सामूहिक दोनों स्तर पर किया जा सकता है। व्यक्तिगत स्तर पर, ट्यूबवेल, हैण्डपम्प तथा कुएँ के निस्तारित जल एवं वर्षा जल को सोकपिट के माध्यम से भू-गर्भ में भेजने का उपाय कर सकते हैं। सामूहिक स्तर पर तालाब, चेकडेम, जलाशय, पब्लिक भवनों, नालों का पुनर्जीवन आदि में रेन-वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के माध्यम से जल-संरक्षण किया जा सकता है।
इस संबंध में संयंत्र के नगर सेवाएँ विभाग के नगर अभियांंत्रिकी अनुभाग में वरिष्ठ प्रबंधक के पद पर कार्यरत् डॉ आर पी देवाँगन (मोबाइल नम्बर: 9407980082) से नि:शुल्क परामर्श लिया जा सकता है। जिन्होंने छायाचित्रों के माध्यम से इस तकनीक को समझाते हुए इसकी उपयोगिता पर बल दिया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस तकनीक के द्वारा भविष्य में होने वाली जल संकट के मद्देनजऱ वर्षा ऋतु प्रारंभ होने के पहले अपने-अपने घरों के साथ-साथ छोटे एवं बड़े उद्योगों के लिए भी वर्षा जल का भण्डारण किया जा सकता है।
विदित हो कि उक्त तकनीक के द्वारा अधिक से अधिक लोगों द्वारा इस सुविधा का लाभ लेकर जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है।