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स्वरूपानंद कालेज में पुस्तक वाचन दिवस

Apr 26, 2017

भिलाई। स्वरूपानंद कालेज में पुस्तक वाचन दिवस मनाया गया। आज इलेक्ट्रानिक सोषल मीडिया के आ जाने से युवा वर्ग, वॉटसएप्प, फेसबुक, टिवट्र आदि से जुड़े हुये है उन्हे कोई पुस्तक पढऩी हो या कुछ आलेख देखना हो, विद्यार्थी तुरन्त नेट का सहारा लेते है। इसलिए पुस्तकालय में जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम होती जा रही है।भिलाई। स्वरूपानंद कालेज में पुस्तक वाचन दिवस मनाया गया। आज इलेक्ट्रानिक सोषल मीडिया के आ जाने से युवा वर्ग, वॉटसएप्प, फेसबुक, टिवट्र आदि से जुड़े हुये है उन्हे कोई पुस्तक पढऩी हो या कुछ आलेख देखना हो, विद्यार्थी तुरन्त नेट का सहारा लेते है। इसलिए पुस्तकालय में जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम होती जा रही है। विद्यार्थी पुस्तकालय में आयें और पुस्तकों को पढ़ें इस उद्देश्य से महाविद्यालय में पुस्तक वाचन दिवस का आयोजन किया गया। ग्रंथपाल श्रीमती वनिता महाले ने बताया कि विषय को छोड़कर हिन्दी एवं अंगे्रजी साहित्य, अभिप्रेरक, सामान्य ज्ञान एवं समसामयिक घटनाओं से संबंधित पुस्तको को डिसप्ले किया गया है, जिससे विद्यार्थी जो साल भर विषय की पुस्तके पढ़ते है, उससे हटकर कुछ दूसरी पुस्तके पढ़े और लाइब्रेरी में ज्यादा समय व्यतीत करने के लिए प्रेरित हो। कार्यक्रम प्रभारी मनोज कुमार पाण्डेय, स.प्राध्यपाक कप्म्यूटर साइंस ने कहा कि स्टॉफ और विद्यार्थियों को इस अवसर पर सन्देश देना है, कि जब फ्री क्लास हो तो पुस्तकालय में अपनी रूचि अनुसार पुस्तक पढ़कर अपने समय का सदुपयोग कर सकते है। उन्होने बताया कि पूरा स्टाफ और लगभग 150 विद्यार्थी वाचन दिवस में पुस्तकालय में आकर अपनी रूचि अनुसार पुस्तक पढ़े और उस पर चर्चा भी की इससे यह स्पष्ट होता है, कि हम ऐसे छोटे-छोटे प्रयास से विद्यार्थियों को पठन के लिए अभिपे्ररित कर सकते हैं।
प्राचार्य डॉ.हंसा शुक्ला ने आयोजको को बधाई देते हुये कहा कि आज विद्यार्थियों को लगता है, कि पुस्तकालयों में केवल विषय की पुस्तकों का संग्रह हेता है। उन्हें यह स्पष्ट होगा कि विषय को छोड़कर विद्यार्थी साहित्यिक मोटीवेशनल अन्य पत्र-पत्रिका भी पुस्तकालय में पढ़ सकते है।
विश्व पाठन दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा छत्तीस राजभाषा का समर्थ, लीडरशिप एवं अभिप्रेरक पुस्तकें तथा फणीश्वारनाथ, मुंशी प्रेमचंद, तस्लीमा नसरीन के उपन्यास एवं कहानियों का, मोहन राकेश के नाटक तथा पंतजली योगा की पुस्तके एवं ए.पी.जे.अब्दुल कलाम, शिव खेड़ा, एवं चेतन भगत की पुस्तकें विशेष रूप से सराही गई। विद्यार्थियों ने कहा इससे पहले हमें यह पता ही नहीं था कि विषय के अलावा साहित्य एवं अन्य विधा की इतनी सारी पुस्तके हमारे पुस्तकालय में है। पुस्तकालय में आने से हमने अनुभव किया कि हम कोई भी पुस्तक पढ़े हमारी सोच को एक नई दिशा मिलती है।
इस अवसर पर समस्त शैक्षणिक एवं गैरशैक्षणिक स्टॉफ एवं हुडको के रहवासी एवं विद्यार्थी महाविद्यालय के पुस्तकालय में उपस्थित होकर पुस्तक पाठन किये।

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