भिलाई। लगभग 65 साल पहले बसे भिलाई टाउनशिप में सीवरेज और वाटर सप्लाई का जबरदस्त अंडरग्राउण्ड नेटवर्क है। इसका नक्शा गुम हो गया है। अब जबकि इन लाइनों का बदला जाना है तो पुरानी पाइपों को टटोल टटोल कर ही आगे बढऩा होगा।सूत्रों की मानें तो करीब 65 साल पहले बिछाई गई पाइपलान का नक्शा मैनुअली तैयार किया गया था। कुछ साल पहले मैनुअल नक्शे को स्कैन कर कम्प्यूटर में सुरक्षित रखने की कवायद बीएसपी के बीईडीबी (भिलाई इंजीनियरिंग ड्राइंग बोर्ड) ने की। बताते हैं कि इस दौरान खुलासा हुआ कि संयंत्र के भीतर व टाउनशिप के कई नक्शे नष्ट हो गए हैं। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि नक्शे के अभाव में नई पाइपलाइन बिछाना मुश्किल और टाइम टेकिंग होगा। गौरतलब है कि बीएसपी द्वारा करीब एक अरब रुपए की लागत से टाउनशिप में पेयजल व्यवस्था सुधारने की योजना बनाई गई है। इसके तहत बीएसपी का जन स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कर रहा है। रिपोर्ट तैयार होने के बाद उच्च अधिकारियों को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद आगे की कवायद होगी।
गौरतलब है कि पुरानी पाइपलाइन जर्जर होने के कारण आए दिन टाउनशिप के अलग-अलग स्थानों पर लीकेज की समस्या होती है। नक्शा न होने के आभाव में बीएसपी प्रबंधन को लीकेज ढूंढने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। करीब ड़ेढ साल पहले सेक्टर-8 की पाइपलाइन में लीकेज ढूंढने में प्रबंधन को एक सप्ताह से अधिक समय लगा था।
बीएसपी द्वारा सेल व केन्द्रीय इस्पात मंत्रालय को भी संयंत्र के भीतर व टाउनशिप के कई क्षेत्रों का नक्शा न होने की जानकारी दी जा चुकी है। मंत्रालय की सन् 2014 की वार्षिक रिपोर्ट में बीएसपी के कोकओवन की बैटरी 9 के कैपिटल रिपेयर में हो रही देरी के पीछे यहां के मूल नक्शा का उपलब्ध न होना प्रमुख कारण बताया गया था।
कोई न कोई रास्ता निकालेंगे
पाइप लाइन बदलने की योजना पर अभी शुरुआती काम ही हो रहा है। योजना में सभी बिन्दुओं पर ध्यान दिया जा रहा है। इसमें नक्शा उपलब्ध न होने पर क्या रास्ता निकलेगा, इसपर भी काम होगा।
-विजय मैराल, डीजीएम, जनसम्पर्क विभाग, बीएसपी