• Thu. Apr 25th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

पुलिस की शहादत का आंकड़ा सेना से भी बड़ा : शशिमोहन

Aug 24, 2017

पुलिस की शहादत का आंकड़ा सेना से भी बड़ा : शशिमोहन भिलाई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर शशिमोहन सिंह ने कहा है कि आंतरिक सुरक्षा में जुटी पुलिस की शहादत का आंकड़ा सीमा की सुरक्षा कर रहे सैनिकों से भी बड़ा है। यदि थ्रिल चाहिए तो आर्मी ज्वाइन करें। इसके लिए नशे का सहारा न लें। अच्छा भविष्य चाहते हैं तो टाइम मैनेजमेंट सीखें।भिलाई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर शशिमोहन सिंह ने कहा है कि आंतरिक सुरक्षा में जुटी पुलिस की शहादत का आंकड़ा सीमा की सुरक्षा कर रहे सैनिकों से भी बड़ा है। यदि थ्रिल चाहिए तो आर्मी ज्वाइन करें। इसके लिए नशे का सहारा न लें। अच्छा भविष्य चाहते हैं तो टाइम मैनेजमेंट सीखें। श्री सिंह यहां श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में विविधा द्वारा आयोजित महिला सुरक्षा कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा किपुलिस को लेकर कुछ भ्रांतिया हैं। पुलिस हमेशा समाज के साथ है। यदि पुलिस चालान के लिए रोकती है तो हमें उसे सहयोग करना चाहिए। यदि आप अपने वाहन पर नम्बर सही ढंग से नहीं लिखवाते है इसका अर्थ है कि आपके मन में कानून के प्रति सम्मान नहीं है।
भिलाई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर शशिमोहन सिंह ने कहा है कि आंतरिक सुरक्षा में जुटी पुलिस की शहादत का आंकड़ा सीमा की सुरक्षा कर रहे सैनिकों से भी बड़ा है। यदि थ्रिल चाहिए तो आर्मी ज्वाइन करें। इसके लिए नशे का सहारा न लें। अच्छा भविष्य चाहते हैं तो टाइम मैनेजमेंट सीखें। श्री सिंह यहां श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में विविधा द्वारा आयोजित महिला सुरक्षा कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा किपुलिस को लेकर कुछ भ्रांतिया हैं। पुलिस हमेशा समाज के साथ है। यदि पुलिस चालान के लिए रोकती है तो हमें उसे सहयोग करना चाहिए। यदि आप अपने वाहन पर नम्बर सही ढंग से नहीं लिखवाते है इसका अर्थ है कि आपके मन में कानून के प्रति सम्मान नहीं है। एडिशनल एसपी ने कहा कि सभी लोगों को समाचार पत्र जरूर पढऩा चाहिए। इससे देश, समाज और अंर्तराष्ट्रीय परिवेश में क्या हो रहा है। यदि आप पुलिस को लेकर चलते है तो जिन्दगी में किसी बड़ी परेशानी से बच जायेगे। पुलिस हमेशा अपने अच्छे कार्यों को समाज के सामने नहीं ला पाती। आर्मी से ज्यादा पुलिस वाले 43000 देश के आंतरिक सुरक्षा करते हुए शहीद हो गये है।
महा. की प्राचार्या डॉ. श्रीमती रक्षा सिंह ने कहा कि आज की नारी अबला नही है वह आज के समय में सुरक्षा के विभिन्न उपायों का उपयोग कर एवं कानूनी जानकारी से अपनी सुरक्षा कर सकती है।
रक्षा टीम प्रभारी श्रीमती नवी मोनिका पाण्डेय ने कहा कि रक्षा टीम निरंतर प्रयास कर रही है। महिला सुरक्षा संबंधित व्हाटसप नं. 7247001091 एवं वुमेन हेल्प लाईन 1091 पुलिस कंट्रोल रूम 100 का उपयोग करें। इस वर्ष रक्षा टीम का थीम है डरना मना है, सहना मना है, रक्षा टीम आपके साथ है। छेडख़ानी या अत्याचार हो रहा है तो उसका पुरजोर विरोध आवश्यक है। महिला सुरक्षा संबंधित 354 धारा का उल्लेख करते हुए आपने बताया कि यदि किसी लड़की का पीछा कर दिया जाए तो तीन साल की सजा का प्रावधान है और यदि कमेंट्स कर दिया जाता है तो पांच साल की सजा का प्रावधान है और यदि हाथ पकड़ लिया जाए या धक्का दे दिया जाए तो सात साल की सजा का प्रावधान है।
उन्होंने महिलाओं को आत्म रक्षा की कुछ तकनीकें बताई। इसमें सेफ्टी पिन, हेयर पिन, मोबाइल, पानी बॉटल, पर्स इत्यादि का इस्तेमाल बताया गया। साथ ही लड़कियों को चेतावनी दी कि यदि कोई इस कानून का दुरूपयोग करती है तो उसपर भी वही कानून लगेगा जो इस नियम के तहत लड़कों पर लगता है।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा लघुनाटिका के द्वारा किया गया। जो महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर आधारित था। लघु नाटिका के छात्राओं ने रक्षा टीम को बुलाने का आह्वान किया एवं बताया की जरूरत पडऩे पर हम लड़कियों की सुरक्षा एवं मदद के लिए हमेशा सजग रहना चाहिए।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के अति. निदेशक डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव विशेष रूप से उपस्थित थे। स्वागत महिला प्रकोष्ठ के सदस्य डॉ. अर्चना झा, डॉ. अनिता पाण्डेय, डॉ. नीरा पाण्डेय, डॉ. सोनीया बजाज, डॉ. रचना चैधरी, डॉ. के.के. श्रीवास्तव, डॉ. वी. के. सिंह ने किया।

Leave a Reply