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बस्तर का 180 मीटर ऊंचा जलप्रपात “नम्बी जलधारा” आएगा पर्यटन नक्शे पर

Aug 24, 2017

बस्तर का 180 मीटर ऊंचा जलप्रपात आएगा पर्यटन नक्शे पर बीजापुर। जिला मुख्यालय से लगभग 64 किमी दूर तेलंगाना सीमा पर मौजूद बस्तर का सबसे ऊंचा जलप्रपात नम्बी जलधारा जल्द ही विश्व पर्यटन के मानचित्र में उभरने वाला है। कई दशकों से गुमनामी के खोए इस जलप्रपात को विकसित करने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। यह जलप्रपात नक्सलियों के उस इलाके में मौजूद है जहां नक्सलियों की हुकूमत चलती है।बीजापुर। जिला मुख्यालय से लगभग 64 किमी दूर तेलंगाना सीमा पर मौजूद बस्तर का सबसे ऊंचा जलप्रपात नम्बी जलधारा जल्द ही विश्व पर्यटन के मानचित्र में उभरने वाला है। कई दशकों से गुमनामी के खोए इस जलप्रपात को विकसित करने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। यह जलप्रपात नक्सलियों के उस इलाके में मौजूद है जहां नक्सलियों की हुकूमत चलती है। यहाँ पहुंचना जान को जोखिम में डालने से कम नहीं है। बावजूद इसके बस्तर आईजी समेत पांच अफसर यहां पहुंचे। बस्तर का 180 मीटर ऊंचा जलप्रपात आएगा पर्यटन नक्शे पर बीजापुर। जिला मुख्यालय से लगभग 64 किमी दूर तेलंगाना सीमा पर मौजूद बस्तर का सबसे ऊंचा जलप्रपात नम्बी जलधारा जल्द ही विश्व पर्यटन के मानचित्र में उभरने वाला है। कई दशकों से गुमनामी के खोए इस जलप्रपात को विकसित करने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। यह जलप्रपात नक्सलियों के उस इलाके में मौजूद है जहां नक्सलियों की हुकूमत चलती है।उम्र के इस पडाव में भी इन अफसरों ने 3 किमी ऊँची पहाड़ी को पैदल चलकर नम्बी जलप्रपात को अपने कैमरों में कैद किया।
नई दुनिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक जलप्रपात के नीचे बैठकर इन्होंने जवानों के साथ दोपहर का खाना भी खाया। इस यात्रा के बाद प्रशासन इस जलप्रपात को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर सैलानियों के लिए इस कठिन डगर को खोलने के लिए परियोजना तैयार करने में जुटा गया है। उसूर से लेकर नम्बी तक महज 12 किमी में करीब दो सौ जवानों की सुरक्षा लगाई गई थी। नम्बी जलधारा तक पहुँचने के लिए बीजापुर कलेक्टर डॉ अय्याज तम्बोली, दंतेवाडा कलेक्टर सौरभ कुमार, बीजापुर एसपी केएल ध्रुव और सीआरपीएफ 229 बटालियन के कमांडेंट टी विश्वनाथ सुबह तकरीबन सात बजे वाहनों से उसूर के लिए रवाना हुए। वहाँ से 25 मोटरसाइकिलों से नम्बी के लिए रवाना हुए। 12 किमी के इस सफर को तय करने में लगभग डेढ़ घंटे लग गए। इसके बाद आगे का सफर पहाडिय़ों से होकर तय करना था। सभी दुपहिया वाहनों को नम्बी गाँव में छोड़कर पूरी टीम पैदल ही निकल गई। तीन किमी ऊँची पहाड़ी को पैदल पार कर टीम जब जलप्रपात के करीब पहुंची तो उसका अनुपम सौन्दर्य देखकर अधिकारी स्वयं को रोक नहीं पाए और सबके मोबाइल हाथों में आ गए। करीब एक घंटे जलधारा में गुजारने के बाद खबर मिली कि बस्तर आईजी विवेकानन्द सिन्हा भी जलधारा देखने के लिए महज 15 जवानों की टुकड़ी के साथ मोटरसाइकिल से नम्बी के लिए रवाना हो चुके हैं। सूचना के बाद पूरी टीम वहीं रुक गयी और आईजी का इंतार करने लगी। आईजी भी नम्बी गाँव से जलधारा तक पैदल ही पहाड़ चढ़कर जलधारा तक पहुंचे।
इसे नापने के लिए जलप्रपात के ऊपर से नीचे तक रस्सी फेंकी गई। ऊंचाई 180 मीटर पाई गई। चूँकि यह पूरा इलाका नक्सल प्रभावित है, इसलिए सुरक्षा के लिहाज से विशेष रणनीति के तहत सीआरपीएफ, सीएएफ और जिला बल के 200 जवानों की टुकड़ी तैयार की गई। पहले 150 जवानों को उसूर से नम्बी गाँव के लिए रवाना किया गया। बाद में 50 जवानों के दस्ते के साथ अफसरों की टीम रवाना हुई। 12 किमी कीचड़ से सने कच्ची सड़क पर मोटरसाइकिल का चलना मुश्किल था। इस पूरे इलाके में सरकार की दखल न हो इस वजह से माओवादियों ने 7 किमी के कच्ची सड़क को 33 जगहों से काट रखा था। सडक को चीरकर बहने वाले पांच नाले और एक नदी भी रास्ते को दुर्गम बनाते हैं। अब इस जलप्रपात को विश्व के पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए प्रशासन तैयारी में लग गया है। विदित हो कि वर्ष 2001 में आंध्र सरकार ने अपने इलाके से नम्बी जलधारा को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सर्वे किया था परंतु नक्सलवाद और सलवा जुडूम के चलते वह पूरा प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया था।
चित्रकोट-तीरथगढ़ से ज्यादा खूबसूरत : आईजी
दौरे से लौटने के बाद आईजी विवेकानंद सिन्हा ने कहा कि नम्बी जलधारा चित्रकोट और तीरथगढ़ से भी ज्यादा खूबसूरत है। नक्सलियों ने यहाँ तक पहुँचने वाली सड़क को कई जगह काटकर इस खूबसूरती को अपने आतंक वाले इलाके में छुपा रखा था पर अब यह ज्यादा दिन तक छुप नहीं रह सकता। जल्द ही इसे सड़क मार्ग से जोड़कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर सैलानियों के लिए खोल दिया जाएगा। आईजी का यह भी कहना था कि इलाके के कुछ लोगों ने एक बार नम्बी आने का न्यौता दिया था और कहा था कि एक बार आकर हालातों का जायजा लें और उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोडऩे के लिए प्रयास करें इसलिए हमारी टीम नम्बी पहुंची थी। जल्द ही ग्रामीणों को विश्वास में लेकर इलाके में विकास कार्य प्रारंभ किए जाएंगे।
पर्यटन की अपार संभावना : कलेक्टर
बीजापुर कलेक्टर डॉ अय्याज तम्बोली का कहना है कि इलाके में पर्यटन की अपर संभावनाएं हैं। मीडिया के माध्यम से जिले में मौजूद गुमनाम ऐसे पर्यटन स्थलों की जानकारी मिली है जिसे विकसित कर नई ऊंचाई दी जा सकती है। इनमें से एक नम्बी जलधारा भी है। इस जलधारा को विकसित करने के लिए पहली प्राथमिकता नम्बी तक सडक निर्माण होगी। बहुत जल्द नम्बी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर लिया जाएगा।
फैक्ट फाइल
जिला मुख्यालय से दूरी- 64 किमी
पहुंच मार्ग- बीजापुर- आवापल्ली- उसूर- गलगम- नडपल्ली- इत्तागुडा होकर
बीजापुर से उसूर तक चार पहिया वाहन में पहुंचा जा सकता है। उसूर से दोपहिया वाहन में नम्बी गाँव तक पहुँचकर वहाँ से 3 किमी पैदल पहाड़ी रास्ता तय करना होगा।
जलप्रपात की ऊंचाई- 180 मीटर
चौड़ाई- लगभग 75 मीटर

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