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मंत्री पाण्डेय एवं जिला कलेक्टर पर साल्हेभाट ग्राम पंचायत ने लगाया दण्ड

Aug 8, 2017

बिना अनुमति कालेज भवन लोकार्पण का मामला
मंत्री पाण्डेय पर साल्हेभाट ग्राम पंचायत ने लगाया दण्ड 0 बिना अनुमति कालेज भवन लोकार्पण का मामला कांकेर। एक अद्भुत मामले में ग्राम साल्हेभाट की ग्रामसभा ने उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय एवं जिला कलेक्टर पर मुर्गा और शराब का दण्ड लगाया है। उनपर बिना ग्राम सभा की अनुमति के महाविद्यालय के भवन का लोकार्पण करने का आरोप है। कांकेर। एक अद्भुत मामले में ग्राम साल्हेभाट की ग्रामसभा ने उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय एवं जिला कलेक्टर पर मुर्गा और शराब का दण्ड लगाया है। उनपर बिना ग्राम सभा की अनुमति के महाविद्यालय के भवन का लोकार्पण करने का आरोप है। यहां के लोग अपने गांव को गणराज्य कहते हैं। कानूनन पारंपरिक या रूढि़वादी गांव की श्रेणी में शामिल यहां के आदिवासी इसे गणराज्य बताते हैं। इस नाते वे बगैर ग्रामसभा की अनुमति कोई भी काम करना असंवैधानिक करार देते हैं। मंत्री पाण्डेय पर साल्हेभाट ग्राम पंचायत ने लगाया दण्ड 0 बिना अनुमति कालेज भवन लोकार्पण का मामला कांकेर। एक अद्भुत मामले में ग्राम साल्हेभाट की ग्रामसभा ने उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय एवं जिला कलेक्टर पर मुर्गा और शराब का दण्ड लगाया है। उनपर बिना ग्राम सभा की अनुमति के महाविद्यालय के भवन का लोकार्पण करने का आरोप है।उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने 1 जुलाई को भवन का लोकार्पण किया। ग्रामसभा ने मंत्री, कलेक्टर और सरपंच को दोषी करार दिया। बतौर सजा ग्राम देवी- देवताओं के लिए मुर्गा, बकरा, सूअर और शराब का जुर्माना ठोंका। सरपंच ने सारे आरोप खुद के सिर लेकर सबका जुर्माना अदा कर दिया। ग्राम देवता की अनुमति से कॉलेज का दोबारा लोकार्पण भी करवाया गया।
अब ग्रामसभा ने कलेक्टर टामन सिंह सोनवानी को आदेश जारी किया है कि कॉलेज में स्थानीय लोगों को नियुक्ति देने समेत सभी मांगें मानी जाएं। ऐसा न हुआ तो मंत्री, सरपंच सहित सभी दोषियों के खिलाफ राजद्रोह की धारा 124 (अ) के तहत मुकदमा दर्ज करने का प्रस्ताव पास किया जाएगा। ग्रामीणों ने गांव के प्रवेश द्वार पर बोर्ड लगा दिया है, जिसमें लिखा है-सावधान, पांचवीं अनुसूची क्षेत्र, अनुच्छेद 244 (1) लागू है।
नरहरपुर विकासखंड के ग्राम सरोना में करीब 2 करोड़ की लागत से कॉलेज भवन की स्वीकृति मिली थी। जमीन पड़ोसी गांव साल्हेभाट से मांगी गई। पारंपरिक ग्रामसभा बुलाई गई। परगना के गायता, मांझी, मुखिया, पटेल और कोटवार जुटे। परगना में शामिल 52 गांवों के प्रमुख देवता ठेमा बाबा और इन गांवों की 52 देवियों यानी जिमेदारिन दाई की अनुमति से भूमि दी गई। लोकार्पण की अनुमति नहीं लेने से गुस्साए ग्रामीणों ने मंत्री के मंच के सामने ही ग्रामसभा आयोजित की। मौके पर पुलिस बुलानी पड़ी। ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामसभा में कलेक्टर सोनवानी खुद आए और गलती मानी।
संविधान ने दिया अधिकार : साल्हेभाट के पटेल पुत्र और ग्रामसभा सदस्य सुनील वट्टी ने कहा-संविधान के अनुच्छेद 244 (1) में अनुसूचित क्षेत्रों के अधिकार दिए हैं। हमने सिरहा, गुनिया आदि की पारंपरिक रूढि़वादी ग्रामसभा 13 (क) का पालन किया है। पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में बिना ग्रामसभा की अनुमति कॉलेज का लोकार्पण असंवैधानिक है, इसीलिए दंड लगाया। अन्य मांगों के लिए कलेक्टर, उच्च शिक्षा विभाग और बस्तर विश्वविद्यालय को नोटिस दिया है। निर्देशों का पालन न हुआ तो राजद्रोह का प्रस्ताव लाया जाएगा।
दिया था पान-फूल : 29 को मंत्री का प्रोटोकॉल आया। रात में कार्ड बंटे। ग्रामसभा को सूचना नहीं दे पाए। दंड स्वरूप बकरा, मुर्गा तो नहीं लेकिन पान-फूल दिया है।
– जीवन नेताम,सरपंच, सरोना
ग्रामसभा से क्यों पूछें : साल्हेभाट में कॉलेज भवन का लोकार्पण किया था। इसके लिए ग्रामसभा की अनुमति की क्या जरूरत? मेरी जानकारी में ग्रामसभा की ओर से जुर्माना लगाने वाली बात नहीं आई है।
-प्रेमप्रकाश पांडेय, मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़
नहीं है दण्डित करने का अधिकार : पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में ग्रामसभाओं को विशेषाधिकार है, लेकिन उन्हें जुर्माना लगाने या दण्ड देने का अधिकार नहीं है। पेसा कानून में वनाधिकार, भूमि कानून जैसे विषयों पर ग्रामसभा को निर्णय लेने की स्वतंत्रता है, लेकिन आदेश पारित करने की नहीं।
-शालिनी गेरा, वरिष्ठ वकील हाईकोर्ट

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