भिलाई। प्रसिद्ध मिमिक्री आर्टिस्ट और कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव कहते हैं कि गजल और हास्य दर्द से उत्पन्न होते हैं। कभी मैं बहुत रोया हूं, इसलिए लोगों को हंसाने का बीड़ा उठाया है। शादियों में होने वाले अनाप शनाप खर्च और गरीबी के कारण होने वाले अपमान की वजह से ही आज वे शादी की रस्मों पर प्रभावी रूप से कॉमेडी कर पाते हैं। उन्होंने कहा, यही वजह है कि कभी स्टार का बेटा या बेटी कॉमेडियन नहीं बनते। यह अभावों से उत्पन्न होती है। राजू श्रीवास्तव ने कहा कि उनके घर शादी की बातचीत चल रही थी। एक लाख रुपए के लिए शादी टूट गई। यह बात उनके दिल पर लगी और उन्होंने शादियों के आडम्बर को ही टारगेट करना शुरू कर दिया। लोगों को भी यह बात अच्छी लगी और शादियों पर उनके व्यंग्यों को सराहना मिली।
राजू श्रीवास्तव यहां नवयुवक दशहरा उत्सव समिति के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पधारे हैं। इससे पहले उन्होंने दोपहर को पत्रकारों से चर्चा की।
कानपुर के प्रसिद्ध कवि बलई काका उर्फ रमेश चंद्र श्रीवास्तव के पुत्र राजू ने कहा कि वे मिमिक्री अच्छी कर लेते थे। लोग खूब हंसते थे। इसलिए उन्होंने स्टैण्ड अप कॉमेडी को अपना अध्यावसाय बना लिया। वे अपने आसपास जो कुछ देखते हैं, जो कुछ सुनते हैं उन्हें ही हास्य का विषय बना देते हैं। वे अपने कथ्य और कथन में मर्यादा का पूरा ध्यान रखते हैं।
कॉमेडियन कपिल शर्मा के शो पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आज कुछ लोग कॉमेडी के नाम पर फूहड़ता परोस रहे हैं। अपने साथी कलाकारों का अपमान कर लोगों को हंसाने की कोशिश कर रहे हैं। वे इसका समर्थन नहीं करते। यह गलत है। इसकी आयु भी बहुत ज्यादा नहीं होगी। हालांकि वे कहते हैं कि टीवी शो में आप चैनल की मर्जी से काम करते हैं। चैनल वाले वही दिखाते हैं जिसे लोग देखना पसंद करते हैं। वहां चाहे अनचाहे आपको वह सब कुछ करना पड़ता है जो स्क्रिप्ट कहता है। उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ कॉमेडियन अब सेलेब्रिटी शो बन कर रह गए हैं। इसमें स्टार कलाकारों, खिलाडिय़ों को बुलाया जाता है। लोग उनके जीवन के बारे में जानना चाहते हैं। इससे शो की टीआरपी बढ़ती है।
होटल ग्रांड ढिल्लन में आयोजित इस पत्रकार वार्ता में यंगिस्तान के संयोजक और सीजीसीएल के चेयरमैन मनीष पाण्डेय और दशहरा समिति के अध्यक्ष चिन्ना केशवलू भी मौजूद थे।