• Thu. Apr 18th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

AIIMS के डॉक्टर ने तैयार किया जेब में रखने वाला वेंटिलेटर

Sep 13, 2017

pocket ventillatorनई दिल्ली। दुनिया का सबसे सस्ता और छोटा पोर्टेबल वेंटिलेटर (pocket ventillator) मंगलवार को एम्स में लॉन्च हुआ। ए सेट रोबॉटिक्स के हेड और युवा साइंटिस्ट दिवाकर वैश्य ने अपने दम पर स्वदेशी पोर्टेबल वेंटिलेटर तैयार किया है। मोबाइल ऐप से चलने वाले इस वेंटिलेटर की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे जेब में रखा जा सकता है। ऑक्सिजन सिलिंडर के बिना काम करने वाला यह दुनिया का पहला वेंटिलेटर है। एम्स में चल रहे किफायती मेडिकल तकनीक सम्मेलन के दूसरे दिन इसे प्रदर्शित किया गया। इसके पेटेंट के लिए भी आवेदन कर दिया गया है। इसकी कीमत सिर्फ 15,000 से 20,000 रुपये होगी।
दिवाकर इससे पहले माइंड कंट्रोल करने वाली वील चेयर, थ्री डी प्रिंटेड रोबॉट और डांसिंग रोबॉट बना चुके हैं। लॉन्चिंग के मौके पर उन्होंने कहा कि सामान्य वेंटिलेटर व्यक्ति की हाइट के बराबर होता है। उसमें कई उपकरण होते हैं। उसे ट्रेंड डॉक्टर ही चला पाते हैं। वहीं, पोर्टेबल वेंटिलेटर अपने मॉडल की वजह से आम आदमी के लिए सरल है। इसे चलाना भी आसान है। मरीज पोर्टेबल वेंटिलेटर को घर में भी इस्तेमाल कर सकता है।
दिवाकर ने बताया कि वेंटिलेटर के जरिए संकट के समय मेसेज भी भेजा जा सकता है। इसमें ऑन-बोर्ड लाइट लगी है जो संभावित समस्या की जानकारी देती है। यह जानकारी वेंटिलेटर निर्माताओं को भी दी जा सकती है। करीबियों को चेतावनी देने के लिए इसमें कई तरह की टोन लगाई गई हैं। इसके बोर्ड पर दो कंप्यूटर हैं। एक खराब हो जाए तो दूसरा काम करने लगता है।
ऐसे करेगा काम
जिन मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होती है, उनके गले में एक स्थायी ट्यूब डाली जाती है। इसी ट्यूब को पोर्टेबल वेंटिलेटर से जोड़ दिया जाता है। यह बिजली से चलता है। वेंटिलेटर में लगे प्रेशर सेंसर से मरीज जरूरत के अनुसार सांस लेता और छोड़ता है।
खूबियों से लैस
-छोटा और सस्ता होने के कारण इसे यूज करना आसान
-कम कीमत की वजह से यह आम आदमी के लिए मुफीद
-बिना ऑक्सिजन सिलिंडर के चलता है और ट्रेनिंग की जरूरत नहीं
-कई साल से वेंटिलेटर पर जीवन गुजार रहे मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है
-उन लोगों की जान बचाने में भी आसानी होगी जिन्हें वक्त रहते कृत्रिम सांस नहीं मिल पाती
-सस्ता होने के कारण छोटे अस्पताल भी उपयोग कर पाएंगे, ग्रामीण इलाकों को सबसे ज्यादा फायदा

Leave a Reply