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कड़कनाथ से किसानों को मिला आय का नया स्रोत

Oct 28, 2017
दंतेवाड़ा। मध्यप्रदेश के झाबुआ क्षेत्र में पाई जाने वाली कड़कनाथ प्रजाति की मुर्गियों को दंतेवाड़ा की आबोहवा भा गई है। यहां के किसान कड़कनाथ पालन से आर्थिक आय का नया स्रोत खोज निकाला है। अब इन मुर्गियों की मांग विदेशों से होने लगी है। हैदराबाद की एक कंपनी कड़कनाथ के मांस को पैकिंग कर विदेश निर्यात करेगा।दंतेवाड़ा। मध्यप्रदेश के झाबुआ क्षेत्र में पाई जाने वाली कड़कनाथ प्रजाति की मुर्गियों को दंतेवाड़ा की आबोहवा भा गई है। यहां के किसान कड़कनाथ पालन से आर्थिक आय का नया स्रोत खोज निकाला है। अब इन मुर्गियों की मांग विदेशों से होने लगी है। हैदराबाद की एक कंपनी #कड़कनाथ के मांस को पैकिंग कर विदेश निर्यात करेगा। इसके लिए उन्होंने सीधा संपर्क जिला प्रशासन से किया है। इस कंपनी के कुछ सदस्यों ने एक सप्ताह पहले किसानों के मुर्गी फार्मों का मुआयना किया। छह माह के कड़कनाथ को खरीदने के लिए साढ़े छह से सात सौ रुपए कीमत लगाई है। साथ ही उन्होंने पांच हजार नग कड़कनाथ के जल्द देने की बात जिला प्रशासन से की है।

ज्ञात हो कि जिले में एक दर्जन से अधिक किसान कड़कनाथ का पालन कर रहे हैं। इन किसानों को जिला प्रशासन ने आर्थिक मदद के साथ कड़कनाथ के चूजे और चारा सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराई है। किसानों के पास 5000 #कड़कनाथ की एक खेप तैयार हो चुकी है। कंपनी के कुछ नुमाइंदे जल्द ही आने वाले हैं, हो सकता है इसी सप्ताह किसानों से कड़कनाथ खरीदा जाए। इसकी राशि किसानों के खाते में सीधे जमा कराई जाएगी।
किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए जिला प्रशासन कड़कनाथ पालन का पूरजोर प्रयास कर रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र गीदम को 44 यूनिट तैयार करने का लक्ष्य दिया है। साथ ही पशुपालन विभाग को भी किसानों के लिए जल्द 40 यूनिट जल्द तैयार कर देनी है। जिला प्रशासन ने इन दोनों विभाग को कुक्कुट पालन पर पूरी मेहनत के साथ काम करने के लिए कहा है। इन यूनिटों को तैयार करने के बाद रिपोर्ट देनी होगी। जिला प्रशासन किसानों को समृद्ध करने के लिए एक लाख कड़कनाथ उत्पादन का लक्ष्य रखा है। हालांकि इस लक्ष्य को पाने के लिए विभागों को काफी मेहनत करनी होगी। इसके अलावा किसानों को भी रूचि दिखानी होगी।

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