नई दिल्ली। ताज महल को लेकर हाल के दिनों में सियासी उठापटक के बीच एक और खबर आई है। जब बुधवार को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने ‘अडॉप्ट अ हेरिटेज’ योजना के तहत निजी समूहों द्वारा गोद ली गई 14 धरोहरों की लिस्ट जारी की, तो उसमें ताज महल नहीं मिला। स्कीम के तहत धरोहर स्थलों के रखरखाव का जिम्मा निजी समूहों को दिया जाना था। लेकिन किसी भी संस्था ने ताज महल में रूचि नहीं दिखाई। इनमें दिल्ली के कुतुब मीनार, जंतर मंतर, पुराना किला, सफदरजंग मकबरा और अग्रसेन की बावली, ओडिशा का सूर्य मंदिर, रत्नागिरी स्मारक और राजारानी मंदिर, अजंता एलोरा की गुफाएं, गंगोत्री मंदिर परिसर जैसी कई धरोहर को शामिल किया गया था। पर्यटन मंत्रालय ने स्कीम के तहत 14 धरोहर स्थलों को गोद लेने वाले 7 निजी संस्थाओं को इस संबंध में चिट्ठी जारी की है। पर्यटन सचिव रश्मि वर्मा ने कहा कि अभी तक किसी भी निजी संस्था ने ताज महल को गोद लेने की इच्छा जाहिर नहीं की है, इसलिए भविष्य में भी यह गोद लेने के लिए उपलब्ध रहेगा।