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तेदमंता अभियान से उखडऩे लगे हैं नक्सलियों के पांव

Oct 16, 2017

Naxal step out as Tedmanta gains pace in Bastarरायपुर। तेदमंता अभियान पुलिस और ग्रामीणों को पास ला रही है। पहले जहां लोग पुलिस से बातचीत नहीं करना चाहते थे, उनके साथ दिखना नहीं चाहते थे वहीं अब वे उन्हें अपनी बैठकों में बुलाने लगे हैं। तेदमंता से जुड़े गांवों में अब नक्सलियों की आमद कम हो गई है। दोरनापाल के एसडीओपी विवेक शुक्ला ने एक कला जत्था दल बनाने की योजना बनाई जिसमें एसपी और अन्य अफसरों की सहमति मिल गई। गोंडी भाषा में आदिवासियों की समस्या से संबंधित मनोरंजक प्रस्तुतियां तैयार की गईं। शुरू में दिक्कत आई लेकिन धीरे धीरे ग्रामीण जुटने लगे।
साल भर बाद तेदमंता अभियान का असर यह हुआ है कि धुर नक्सल प्रभावित दर्जनों गांवों में नक्सलियों की आवाजाही बंद हो गई है। इस इलाके के दर्जनों गांवों में पुलिस ने शो किए। इस दल ने ग्रामीणों से बात की और उनकी समस्याएं जानीं। जो परेशानियां बताई गईं उन्हें आवेदन बनाकर कलेक्टर को दिया गया। प्रशासन ने समस्या दूर की। जो बीमार थे उन्हें दवाइयां दी गईं। जिस जमीन पर पहले सलवा जुडूम अभियान चला था उसमें अब तेदमंता अभियान चलाया जा रहा है। जुडूम के समय ग्रामीण पुलिस को देखकर भाग जाते थे, अब खुद पुलिस को अपनी बैठकों में बुला रहे हैं। मेड़वाही, पालामडग़ू, कोर्रापाड़, अरलमपल्ली जैसे गांवों में पहले नक्सली दिन में आते-जाते रहते थे। अब क्सलियों को अपने कदम खींचने पड़े हैं। कुछ दिन पहले पोलमपल्ली में ग्रामीणों ने बैठक बुलाई तो उसमें पुलिस को भी बाकायदा सूचना देकर आमंत्रित किया। बैठक में गांव की समस्याओं पर चर्चा हुई।
तेदमंता अभियान में काम कर रहे जवानों ने बताया कि नक्सलियों ने इस इलाके में हर गांव में आदिवासियों से मारपीट की है। वे दबाव और दहशत बनाकर अपना राज चलाना चाहते हैं। पुसवाड़ा, कांकेरलंका, गगनपल्ली, गोरगुंडा जैसे गांवों में उन्होंने जन अदालत लगाकर ग्रामीणों की पिटाई की। कोर्रापाड़ के 12 परिवारों को हाल ही में उन्होंने उनकी जमीन से बेदखल कर भगा दिया है। इन सबसे ग्रामीणों में गुस्सा है।
क्या करती है पुलिस
पुलिस ग्रामीणों को समझाती है कि वे आपसे हर बात का टैक्स लेते हैं। बदले में आपको क्या मिला। बल्कि वे आपको मारते भी हैं। पुलिस की इस रणनीति का असर हुआ। बुरकापाल, चिंतलनार समेत कई बैठकों में ग्रामीणों ने यह गुस्सा व्यक्त भी किया। लेकिन तेदमंता दल के सदस्यों ने उनसे यही कहा कि अपना विकास आपको ही करना है। सरकार आपकी मदद को तैयार है। अब ग्रामीण नलकूप के लिए आवेदन लगा रहे हैं।

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