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पुरुषों को भी होता है ब्रेस्ट कैंसर

Oct 18, 2017

Even Males can get breast cancerमाना जाता है कि ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ महिलाओं को होता है क्योंकि पुरुषों के पास ब्रेस्ट नहीं होते। लेकिन सच्चाई यह है कि पुरुषों के पास ब्रेस्ट टीशू यानी स्तन ऊतक होते हैं। इसलिए उन्हें भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर एक दुर्लभ रोग है और यह सभी तरह के ब्रेस्ट कैंसर का सिर्फ 1 प्रतिशत है। इस बारे में पुरुषों को कुछ अजीब होने का संदेह कम ही रहता है। मर्द भी कम सतर्कता दिखाते हैं, जो उन्हें ब्रेस्ट कैंसर की आशंका से परे कर देता है और वे नियमित कराई जाने वाली जांच-पड़ताल को दरकिनार कर देते हैं। आनुवांशिकी या हरेड्रिटी महिलाओं के स्तन कैंसर में बड़ी भूमिका नहीं निभाती, लेकिन मर्दों में निभाती है। अंडकोश में सूजन स्तन कैंसर के खतरे बढ़ा सकता है। खाने-पीने की खराब आदत, मोटापा, ऐल्कॉहॉल का ज्यादा सेवन करना या धूम्रपान करना। हॉर्मोनल दवाइयों या हर्बल पूरक आहार के सेवन की लत। छाती का पहले रेडिएशन टेस्ट या इलाज हो चुका हो।
ये हैं अहम लक्षण
स्तन में गांठ सबसे महत्वपूर्ण संकेत है। स्तन क्षेत्र या निपल के चारों ओर की त्वचा पर गड्ढे पडऩा या उसका बदलना। निपल में दर्द और डिस्चार्ज होना, निपल के चारों तरफ जख्म होना। लिंफ नोड्स का अंडरआर्म और एरोला क्षेत्र तक बढऩा। मर्दों में स्तन-वृद्धि को ‘गाइनेकोमास्टियाÓ कहते हैं, इससे स्तन कैंसर का खतरा बढ़ता है।
जीवनशैली में बदलाव लाएं
प्रिवेंटिव हेल्थकेयर विशेषज्ञ कंचन नायकवाड़ी का कहना है,Ó ज्यादातर मामलों में, पुरुषों में स्तन कैंसर का रोग-निदान महिलाओं की तुलना में विकसित स्तर पर होता है। मोटापा और उच्च रक्तचाप स्तन कैंसर के बड़े खतरे हैं। जीवनशैली में बदलाव लाकर कोई भी इस खतरे को न्यूनतम कर सकता है। शुरू में पता चल जाना और तेजी से इसका इलाज कराना ही पुरुष स्तन कैंसर के मामलों को घटाने की सबसे बढिय़ा रणनीति है।Ó
रोकथाम के उपाय
खुद को जानें, पारिवारिक इतिहास का पता लगाएं। बीमारी के सभी मामलों में कम से कम 10 प्रतिशत योगदान आनुवांशिकी स्तन कैंसर का है। शरीर का एक आदर्श वजन रखें। मोटापा और ज्यादा वजन होने से स्तन कैंसर, हृदय रोग और कई बीमारियों को बढ़ावा मिलता है। बॉडी मास इंडेक्स को कम करें। शारीरिक गतिविधियां आपको एक स्वस्थ वजन प्रदान करने में मदद करती हैं, जिससे स्तन कैंसर की रोकथाम में मदद मिलेगी। हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले आहार जैसे- सफेद आटा, सफेद चावल, आलू, चीनी, वगैरह को कम करें, क्योंकि ये खाद्य शरीर में हॉर्मोन संबंधी बदलाव लाते हैं, जो स्तन उत्तक में कोशिका वृद्धि का कारण बनते हैं। धूम्रपान और ऐल्कॉहॉल के सेवन से परहेज करें। कैसा भी ऐल्कॉहॉल हो, अक्सर इनका सेवन ज्यादा होता है, जो मुसीबत की जड़ है। नियमित चेकअप और कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट कराएं। यह मुनासिब होगा कि आप जानें कि आपके शरीर के साथ क्या हो रहा है और कैसे आप इसकी देखभाल कर सकते हैं।

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