रायपुर। होली हार्ट्स स्कूल के करीब 25 बच्चों ने अपने हाथों से मिट्टी के दीये बनाए और फिर उन्हें बेचकर एकत्रित पैसों से एक वाटर कूलर खरीदकर वृद्धाश्रम को भेंट किया ताकि वहां रह रहे बुजुर्ग ठंडा पानी पी सकें। प्रिन्सी धावना, तौसीफ शरीफ, पीयूष लालवानी, नीति सोलंकी, रिजवान खान, जीत चावड़ा, निशांत पाठक, करण कुमार, मनोज अरोरा, युक्ता डागा, मुस्कान कृष्णानी, रोशनी जैन, हर्षा पंजवानी, दीक्षा प्रकाश, नंदिनी अंसाती, लावण्या बरड़िया, स्पर्श जैन, साक्षी शेर्के, शुभम जीवन, अमिताभ सिंह, ओसिमा गुप्ता, अदिति सिंह, तान्या मथानी के चेहरों पर नेक काम करने की खुशी छलक रही थी।
बच्चों का कहना है कि सोशल मीडिया में पिछले एक माह से मिट्टी के दीये घर-घर प्रज्ज्वलित करने का मैसेज वायरल हो रहा था। मैसेज में संदेश दिया जा रहा था कि किसी गरीब से मिट्टी के दीये खरीदें ताकि वह कुछ कमाई करके अपने परिवार के साथ खुशियां मना सके। गरीब की मदद करने, बुजुर्गों की सेवा करने जैसे मैसेज भी पढ़ने को मिले। इनसे हमें प्रेरणा मिली कि दीवाली में पटाखों पर व्यर्थ पैसा खर्च करने की जगह किसी जरूरतमंद की मदद करेंगे। हमारे प्रेरणास्रोत वरिष्ठ शिक्षक आशुतोष सिंग ने भी हमें कुछ नया करने के लिए प्रेरित किया। हमने तय किया कि खुद कमाई करके हम वृद्धाश्रम को वॉटर कूलर भेंट करेंगे।
हमने दीये बनाना सीखा और घर-घर, दुकान-दुकान जाकर लोगों को बताया कि जो पैसे एकत्रित होंगे उससे हम एक भला काम करने जा रहे हैं। लोगों ने खुशी-खुशी हमारे दीये खरीद लिए। हमने एक माह में लगभग 30 हजार रुपए एकत्रित किए और हमने सर को दिया। उन्होंने वॉटर कूलर खरीदवाया और जब हमने इसे वृद्धाश्रम को भेंट किया तो हमें एक सुखद अनुभूति हुई।
होली हार्ट्स स्कूल की पहली से लेकर 12वीं तक के बच्चे दीवाली की पूर्व संध्या श्याम नगर स्थित लायंस क्लब द्वारा संचालित वृद्धाश्रम पहुंचे। बच्चों को देखकर आश्रम में रह रहे बुजुर्गों की आंखें अपने बिछुड़े बच्चों की याद में छलक पड़ीं। बुजुर्गों को अतीत में खोए देख बच्चे भी भावुक हो उठे। वाटर कूलर भेंट करने के बाद लौटते समय अनेक बच्चों ने बुजुर्गों को गले लगाया और दीवाली की शुभकामनाएं दीं।
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