• Fri. Mar 29th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

500 से लेकर 60,000 रुपए तक में यहां किराए पर मिलती है बीवियां

Oct 24, 2017

Shortage of women force men to hire wife on rentनई दिल्ली। देश के कुछ हिस्सों में किराए पर मिलती है बीवियां। किराए की बीवी मासिक या सालाना किराए पर ली जा सकती हैं। ताज्जुब यह है कि अब तक इस प्रथा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। खराब लिंगानुपात इसकी सबसे बड़ी वजह है। मध्यप्रदेश के शिवपुरी इलाके में इसका प्रभाव देखा जा सकता है। यहां इसे दधीच प्रथा के नाम से जाना जाता है। महज 10 रुपए से लेकर 100 रुपए तक की डीड पर हस्ताक्षर के बाद महिला का पति बदल जाता है। सौदे का समय पूरा होने के बाद महिला को दूसरे व्यक्ति को बेच दिया जाता है।साल 2006 में भरुच में नेत्रगंज तालुका में एक मामला दर्ज किया गया था। अता प्रजापति ने अपनी पत्नी लक्ष्मी को मेहसाणा में एक पटेल के साथ रहने के लिए भेज दिया था, जिसके लिए उसे 8,000 रुपए महीना किराया मिल रहा था। पड़ोसी राज्यों के मेहसाना, पाटण, राजकोट और गांधीनगर जैसे जिलों में महिलाओं की कमी ने एजेंटों और गरीब परिवारों को पैसे कमाने का यह जरिया दिया है। पटेल से दलाल 65-70 हजार रुपए लेते हैं और गरीब आदिवासी परिवारों को उनकी बेटियों के लिए 15 से 20 हजार रुपए दिया जाता है। आदिवासी युवा महिलाओं को 500 रुपए से लेकर 60,000 रुपए तक में किराये पर मुहैया कराया जाता है और यह इस बात पर निर्भर करता है कि युवा महिला का परिवार कितना गरीब है और उसे पैसों की कितनी जरूरत है। एक दलाल की मानें तो वह 1.5 से 2 लाख रुपए प्रति माह इस धंधे से कमाता है।

Leave a Reply