चंडीगढ़। बच्चियां घर में भी सुरक्षित नहीं हैं, इसे एक बार साबित कर दिया है दो भाइयों ने। अपनी 9 साल की भांजी के साथ दोनों मामा करते रहे बलात्कार। कुछ समय पहले वह गर्भवती हो गई और इसी अगस्त में उसने एक बच्चे को जन्म दिया। डीएनए टेस्ट से मामले का खुलासा हुआ। बच्ची नहीं जानती कि वह मां बन चुकी है। उसे यह भी नहीं पता कि उसके मामाओं ने उसके साथ गलत किया। उसे बताया गया था कि उसके पेट में पथरी है जिसे आपरेशन से निकालना पड़ेगा।इसी साल जुलाई में यह मामला अदालत के सामने पहुंचा था। 10 साल की पीडि़ता के गर्भपात की इजाजत मांगी गई थी। उसे 32 हफ्ते का गर्भ था। पीजीआई के डाक्टरों की टीम की रिपोर्ट के बाद अदालत ने गर्भपात की अनुमति देने से इंकार कर दिया था। अगस्त में सिजेरियन सेक्शन से उसकी डिलीवरी कराई गई। नवजात को राजकीय सुरक्षा में दे दिया गया है।
बच्ची की काउंसलिंग के आधार पर उसके बड़े मामा को गिरफ्तार कर लिया गया था। पर शिशु का डीएनए उनसे मैच नहीं किया। इसके बाद छोटे मामा का सैम्पल लिया गया। डीएनए मैच कर गया। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया। पता चला कि बलात्कार का यह सिलसिला छोटे मामा ने ही शुरू किया था जिसमें बड़ा भी शामिल हो गया था।
चंडीगढ़ के एसएसपी जगदाले नीलांबरी विजय ने बताया कि पीडि़त के छोटे मामा के डीएनए का नमूना नवजात के डीएनए के नमूने से मिल गया। उन्होंने बताया कि बच्ची के दोनों मामा ने उसका यौन उत्पीडऩ किया था। 11 अक्टूबर, 2017 को अतिरिक्त जिला एवं सत्र जज पूनम आर जोशी की अदालत में पूरक आरोपपत्र दाखिल किया गया। मामले की सुनवाई चल रही है।