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कृष्णप्रिया राष्ट्रीय अवार्ड प्रतियोगिता 17 दिसंबर से

Nov 20, 2017

भिलाई। देश भर के शास्त्रीय, पाश्चात्य और सुगम शैली के नृत्य व संगीत की अनूठी प्रतियोगिता भिलाई में होने जा रही है। इसमें न सिर्फ कलाकार विभिन्न वर्ग में अपनी प्रस्तुति देंगे बल्कि उत्कृष्ट प्रस्तुतियों के आधार पर इन कलाकारों को राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित भी किया जाएगा। कृष्णप्रिया कथक कला केंद्र भिलाई-दुर्ग की ओर से कृष्णप्रिया राष्ट्रीय अवार्ड प्रतियोगिता एवं अखिल भारतीय नृत्य एवं संगीत प्रतियोगिता का भव्य आयोजन 17 दिसंबर से 21 दिसंबर तक एसएनजीडी सभागार सेक्टर-4 में होने जा रहा है।भिलाई। देश भर के शास्त्रीय, पाश्चात्य और सुगम शैली के नृत्य व संगीत की अनूठी प्रतियोगिता भिलाई में होने जा रही है। इसमें न सिर्फ कलाकार विभिन्न वर्ग में अपनी प्रस्तुति देंगे बल्कि उत्कृष्ट प्रस्तुतियों के आधार पर इन कलाकारों को राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित भी किया जाएगा। कृष्णप्रिया कथक कला केंद्र भिलाई-दुर्ग की ओर से कृष्णप्रिया राष्ट्रीय अवार्ड प्रतियोगिता एवं अखिल भारतीय नृत्य एवं संगीत प्रतियोगिता का भव्य आयोजन 17 दिसंबर से 21 दिसंबर तक एसएनजीडी सभागार सेक्टर-4 में होने जा रहा है। नृत्यगुरू उपासना तिवारी ने बताया कि आयोजन में अंतरराष्ट्रीय स्तर के कथक नृत्यगुरू कालका बिंदादीन घराने से संबद्ध पं. कृष्णमोहन महाराज का पूरा मार्गदर्शन रहेगा और पं. कृष्णमोहन स्वयं भी आयोजन में उपस्थित रहेंगे। उन्होंने बताया कि देश भर से विभिन्न वर्ग में कलाकारों की एंट्री आ चुकी हैं और स्थानीय स्तर पर भी समूचे प्रदेश से कलाकार इसमें भाग लेने वाले हैं। इस भव्य आयोजन को पांचों दिन विभिन्न शैलियों की प्रस्तुतियों के लिए अलग-अलग वर्ग में बांटा गया है। जिससे दशर्कों को हमारी शास्त्रीय व लोक परंपरा को करीब से देखने व समझने का मौका मिले।
उन्होंने बताया कि समारोह में प्रस्तुतियों के साथ विभिन्न अवार्ड भी दिए जाएंगे। इनमें कृष्णप्रिया नेशनल अवार्ड वरिष्ठ कलाकारों की शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुति के दौरान दिया जाएगा। जिसमें नृत्य में नृत्य वैभव व नृत्य वैभवी, गायन में स्वर वैभव व स्वर वैभवी, वादन में ताल वैभव व ताल वैभवी, पाश्चात्य नृत्य में प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कारों के साथ उभरते हुए सितारे (राइजिंग स्टार) अवार्ड दिए जाएंगे। वहीं प्रावीण्यता के आधार पर ट्रॉफी व प्रमाणपत्र भी प्रदान किए जाएंगे।
पंचदिवसीय आयोजन में प्रस्तुति विभिन्न आयु वर्ग के अंतर्गत होगी। जिसमें 6 से 10 वर्ष के लिए सब जूनियर, 11 से 14 वर्ष के लिए जूनियर, 15 से 20 साल के लिए सीनियर और 21 व उससे उपर के आयु वर्ग के लिए खुली प्रतियोगिता होगी। शास्त्रीय प्रस्तुतियों के लिए एकल व युगल को 8 मिनट और सभी नृत्य शैली के लिए 5 मिनट, समूह शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुति के लिए 10 मिनट और अन्य शैली के लिए 5 मिनट, गायन और वादन के लिए एकल को 4 से 6 मिनट और समूह को 6 से 8 मिनट की समय सीमा रखी गई है। इसके अंतर्गत शास्त्रीय नृत्य में कथक, भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी, ओडिशी, सेमी क्लासिकल में कंटेपररी और पाश्चात्य नृत्य शैली, बॉलीवुड एंड सिनेमेटिक व लोक शैली की श्रेणियां रखी गई हैं। जिसमें प्रतिभागी एकल, युगल, त्रि अथवा समूह में अपनी प्रस्तुति दे सकेंगे। वहीं लावणी में सिर्फ एकल व युगल प्रस्तुति ही मान्य होगी। गायन में कर्नाटक शैली,हिंदुस्तानी शैली के साथ सुगम, गजल, भजन व गीत में सिर्फ एकल प्रस्तुति और सिनेमेटिक गायन में एकल व युगल, देशभक्ति पर आधारित समूह गान में खुले वर्ग में न्यूनतम 6 से 12 सदस्य, वादन में स्ट्रिंग एवं विंड, इलेक्ट्रॉनिक इंस्ट्रूमेंट, ड्रम,तबला व मृदंगम में सिर्फ एकल प्रस्तुति होगी। उन्होंने बताया कि आयोजन की तैयारियां बड़े पैमाने पर चल रही हैं और भिलाईवासियों के लिए यह पूरा पंचदिवसीय आयोजन यादगार साबित होगा।

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