लखनऊ। अब तक सिस्टोलिक 140 व डाइस्टोलिक 90 Blood Pressure को डॉक्टर सामान्य मानते थे लेकिन, अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) व अमेरिकन कॉलेज आॅफ काडिर्योलॉजी (एसीसी) की नई गाइड लाइन से रक्तचाप की परिभाषा बदल गई है। अब जिनका रक्तचाप 130 व 80 है उन्हें ही सामान्य माना जाएगा। इसके अलावा सिस्टोलिक 130 से 140 व डाइस्टोलिक 80 से 90 के बीच रहे तो अतिरिक्त एहतियात बरतने की जरूरत है। हालांकि ऐसे लोगों को दवा की बजाय लाइफ स्टाइल व खानपान सुधारकर बीपी कम करने के सलाह दी गई है। यह जानकारी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के काडिर्योलॉजी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. आरके सरन ने दी।डॉ. सरन ने बताया कि दो दिन पहले मिली एएचए व एसीसी की नई गाइड लाइन के मुताबिक उच्च रक्तचाप की नई परिभाषा का लाभ 20 से 25 फीसद आबादी को मिलेगा। कारण यह कि वह अपना बीपी कंट्रोल करने के लिए प्रयासरत रहेगी। गाइड लाइन के अनुसार 130 व 80 बीपी को सामान्य जरूर माना गया है, लेकिन इसका यह अर्थ कतई नहीं है कि इससे ऊपर होते ही दवा शुरू की जाए। ऐसे लोगों को अपनी आदतों में सुधार कर बीपी को सुरक्षित सीमा में लाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होंगे।
लोगों को दी जाएगी ये सलाह –
जितना संभव हो नमक का इस्तेमाल कम करें।
– सलाद आदि में अतिरिक्त नमक के प्रयोग से बचें।
– चटनी, आचार जैसी चीजों से परहेज करें।
– अधिक तैलीय भोजन से दूर रहें।
– समय से सो जाएं व सुबह जल्द उठें।
– सुबह या शाम टहलने अवश्य जाएं।
– परिश्रम से बचने की कोशिश न करें।
– तनाव छोड़ सुकून की जिंदगी चुनें।