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देश की सबसे बड़ी समस्या हमारा एजुकेशन सिस्टम : कोठारी

Dec 18, 2017

भिलाई। शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति के सह-संयोजक, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के सह-सचिव तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक, शिक्षाविद् अतुल कोठारी का मानना है कि आज देश की सबसे बड़ी समस्या हमारा एजुकेशन सिस्टम है। इस सिस्टम से नौजवान या तो नौकर बन रहा है या बेकार। स्थिति यह है कि यदि किसी नौजवान ने इंजीनियरिंग की शिक्षा हासिल की है तो वह इकॉनॉमिक्स के संबंध में कोई ज्ञान नहीं रखता। शिक्षा को बांटने से समग्र व्यक्तित्व का निर्माण ने होकर खंडित व्यक्तित्व का निर्माण हो रहा है।भिलाई। शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति के सह-संयोजक, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के सह-सचिव तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक, शिक्षाविद् अतुल कोठारी का मानना है कि आज देश की सबसे बड़ी समस्या हमारा एजुकेशन सिस्टम है। इस सिस्टम से नौजवान या तो नौकर बन रहा है या बेकार। स्थिति यह है कि यदि किसी नौजवान ने इंजीनियरिंग की शिक्षा हासिल की है तो वह इकॉनॉमिक्स के संबंध में कोई ज्ञान नहीं रखता। शिक्षा को बांटने से समग्र व्यक्तित्व का निर्माण ने होकर खंडित व्यक्तित्व का निर्माण हो रहा है। श्री कोठारी यहां संतोष रूंगटा कैम्पस में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस शास्त्रार्थ को विशिष्ट अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। श्री कोठारी ने कहा कि बिल्डिंग, रोड, ब्रिज से देश का निर्माण नहीं होता वरन् हमारी युवा पीढ़ी को अच्छे संस्कार तथा चरित्र निर्माण युक्त शिक्षा से ही राष्ट्र निर्माण संभव है। आज संपूर्ण विश्व भारत के आचार-विचार तथा संस्कृति से प्रभावित होकर उसे आत्मसात कर रहा है परन्तु, हमारा देश इससे दूर होते जा रहा है। हमारे देश में मानव शिक्षा का मूल उद्देश्य चरित्र निर्माण तथा व्यक्तित्व विकास होना चाहिये।
श्री कोठारी ने कहा कि शिक्षा की आधारभूत संरचना में बदलाव आज की प्रमुख आवश्यकता है। माँ, मातृभूमि और मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं हो सकता। शिक्षा सदैव मातृभाषा में अधिक प्रभावी होती है। किसी भी बात की जानकारी प्राप्त करने में और सृजनात्मकता उत्पन्न करने में अंतर होता है। शोध कार्य में सृजनात्मकता जरूरी होती है। समस्या क्या है? इस पर न होकर कांफ्रेंस समाधान क्या है पर केन्द्रित होनी चाहिये।

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