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देश में प्राथमिक शिक्षा को दुरुस्त करना होगा : नंद कुमार साय

Dec 26, 2017

दुर्ग। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने कहा है कि देश में प्राथमिक शिक्षा को दुरुस्त करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक सांस्कृतिक प्रवाह का उद्गम स्थल है। जनजातीय संस्कृति से ही भारत की पहचान है। यह हमारे राष्ट्र का मूल है। श्री साय यहां दुर्ग विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी भारतीय सांस्कृतिक धारा- अनादी से आज तक के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। दुर्ग। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने कहा है कि देश में प्राथमिक शिक्षा को दुरुस्त करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक सांस्कृतिक प्रवाह का उद्गम स्थल है। जनजातीय संस्कृति से ही भारत की पहचान है। यह हमारे राष्ट्र का मूल है। श्री साय यहां दुर्ग विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी भारतीय सांस्कृतिक धारा- अनादी से आज तक के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। बीआईटी सभागार में आयोजित इस संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संपूर्ण देश में प्राथमिक शिक्षण व्यवस्था को दुरूस्त करना अनिवार्य है। आदिम जनजाती समाज को शराब मुक्ति हेतु पे्ररित करते हुए सन् 1970 से नमक त्याग कर समाज को पे्ररणा दी। कार्यक्रम का संचालन दुर्ग विश्वविद्यालय के प्रो. विकास पंचाक्षरी ने किया। संगोष्ठी के दूसरे दिन रविवार अवकाश होने के बावजूद सभागार खचाखच भरा हुआ था। उपस्थित प्रमुख लोगो में दुर्ग विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एनपी दीक्षित, कुलसचिव डॉ. एस. के. त्रिपाठी , प्रो. विकास पंचाक्षरी, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. नीरजा रानी पाठक, समाजसेवी संतोष परांजपे, डॉ. पदमावती जी, डॉ. ज्योति धारकर जी, डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव, डॉ. अनिल कश्यप, डॉ. अजय सिंह, डॉ. अरविन्द शुक्ला, डॉ. आई.एस.चन्द्राकर जी, डॉ. अम्बरीश त्रिपाठी जी, डॉ. डी.एन.़ शर्मा जी, डॉ. हरीश शर्मा, डॉ. अल्का मिश्रा, डॉ. अनुपमा अस्थाना, डॉ. रूपम अजीत यादव, डॉ. एम.ए.सिदद्ीकी, डॉ. राकेश तिवारी, डॉ. संजू सिन्हा, डॉ. हरनाम अलरेजा, डॉ. अगाशे, डॉ. संजय कुमार दास, डॉ. अमरनाथ शर्मा, डॉ. सुचित्रा शर्मा सहित अनेक गणमान्य नागरिक एवं प्राध्यापक उपस्थित थे।

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