भिलाई। भिलाई के अनाज व्यापारियों के लगभग 45 लाख रुपए बच गए हैं। इस राशि के लिए कृषि उपज मण्डी ने व्यापारियों को नोटिस दे रखा था और राशि नहीं जमा कराने पर लाइसेंस निरस्त कर देने की चेतावनी भी दी थी। नोटिस के खिलाफ लिंक रोड व्यापारी संघ के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल के नेतृत्व में संघर्ष किया गया और अंतत: नोटिस वापस हो गई। प्रमोद अग्रवाल छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के मंत्री पद पर चुनाव लड़ रहे हैं। प्रमोद अग्रवाल ने बताया कि जब छत्तीसगढ़ राज्य बना तो अनाज पर 2 फीसदी मंडी शुल्क आरोपित किया गया। इससे अनाज महंगा हो जाता था जिसका भार अंतत: ग्राहक ही उठाता था। व्यापारी इस राशि को एकत्र कर मंडी को सौंप देते थे। 2003 में भाजपा की सरकार बनी तो हमने इस शुल्क को समाप्त कर देने की मांग की। हालांकि सरकार ने इसे माफ तो नहीं किया पर इसे कम करके 50 पैसा कर दिया। यह अस्थाई व्यवस्था थी। हर साल अप्रैल से पहले इसके निर्देश आ जाते थे जो मार्च तक लागू रहते थे। 2016-17 के लिए यह निर्देश 23 फरवरी 2017 को आए। इस मौके का फायदा उठाते हुए मंडी ने अप्रैल 2016 से 22 फरवरी 2017 तक 2 फीसदी की दर से मंडी शुल्क पटाने का फरमान जारी कर दिया। यह राशि बड़े व्यापारियों के लिए लाखों में तो छोटे व्यापारियों के लिए भी हजारों में थी। हमने इसके खिलाफ पत्र व्यवहार किया, मंत्रियों से मिले, हर जगह अपनी बात रखी। अंतत: इस आदेश को निरस्त कर दिया गया। व्यापारियों के लगभग 45 लाख रुपए बच गए।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी श्री अग्रवाल के नेतृत्व में अहिवारा में एक लड़ाई लड़ी गई थी। वहां सड़क चौड़ीकरण के लिए 9 दुकानों को ढहा देने की योजना बन गई थी। श्री अग्रवाल ने बताया, ‘हम स्थल पर जाकर विभागीय मंत्री, कलेक्टर आदि के सामने अपना विरोध दर्ज किया। सड़क के दूसरी ओर अवैध कब्जे थे। हमने कहा कि व्यापारियों की वैध दुकानों को तोडऩे के बजाय अवैध कब्जों को हटाया जाए। मंत्री राजेश मूणत इसके लिए राजी हो गए। उन्होंने स्थल पर ही इसकी घोषणा कर दी।Ó