कांकेर। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में चल रहे एएफटी मिस इंडिया-2018 के ग्रड फिनाले में बस्तर की बेटी आइशा लॉरेंस सिंह भी पहुंच चुकी हैं। लारेंस, इस संभाग की पहली प्रतिभागी हैं। प्रतियोगिता का फाइनल अप्रैल में बंगलुरु में होने की संभावना है। आइशा लारेंस, नगर के राजापारा वार्ड में बचपन गुजारने के बाद कुछ दिनों तक भानुप्रतापपुर में भी रहीं। वर्तमान में उनकी मां जॉयस लॉरेंस सिंह जगदलपुर में शिक्षिका हैं। आइशा ने कहा कि वह 2015 में मिस छत्तीसगढ़ और मिस कैटवाक का खिताब भी जीत चुकी हैं। आइशा ने बचपन से ही कला के क्षेत्र में रुझान रखते हुए भरतनाट्यम और कत्थक में अच्छी नृत्यांगना हैं। इसके अलावा कई एलबम और हल्बी भाषा में बनी फिल्म ‘मया चो डोर” में भूमिका निभा चुकी हैं। आइशा का कहना है कि भानुप्रतापपुर में सेंट थामस स्कूल में उनके मामा रूपेश सिरिल शिक्षक हैं जबकि नानी ज्योत्सना पी सिरिल कांकेर के भंडारीपारा में शिक्षिका और नाना पीडी सिरिल वन विभाग में हैं। गौरतलब है कि आइशा की मां जॉयस लॉरेंस सिंह (पिंकी) का बचपना भी राजापारा वार्ड में बीता है। आइशा के ग्रेंड फिनाले में पहुंचने की खबर मिलते ही कांकेर और भानुप्रतापपुर में उनके घर में बाई देने वालों का तांता लग गया है।